–नविका कुमार की गिरफ्तारी पर 8 सप्ताह तक रोक
द ब्लाट न्यूज़ सुप्रीम कोर्ट ने एक निजी चैनल के एंकर नविका कुमार को पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी मामले में विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नविका कुमार को एफआईआर निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने नविका कुमार की गिरफ्तारी पर आठ हफ्ते तक रोक लगा दी है।
16 सितंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान नविका कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा था कि 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सभी आरोपी समान हैं और तथ्य भी समान हैं। इसिलए नुपुर शर्मा को मिली राहत नविका कुमार को भी मिलनी चाहिए।
8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नविका कुमार की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी था। नविका कुमार की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि जिस टीवी शो को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया है उसमें एंकर ने कुछ नहीं कहा। डिबेट के दौरान एक पक्ष ने जब बोलना शुरू किया तो दूसरे पक्ष ने जवाब दिया। डिबेट के दौरान एंकर ने दोनों पक्ष के झगड़े को सुलझाने का काम किया। जिस महिला ने बयान दिया उसके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। एंकर के खिलाफ भी कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। पांच-छह एफआईआर तो पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए हैं। पहला एफआईआर दिल्ली में दर्ज किया गया।
रोहतगी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने एंकर को सुरक्षा भी दी हुई है। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि एंकर ने सही एफआईआर याचिका में नहीं लगाया है। तब जस्टिस कृष्ण मुरारी ने पूछा था कि क्या यह सही नहीं है कि कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। तब गुरुस्वामी ने कहा कि हां। तब रोहतगी ने कहा था कि इसमें पश्चिम बंगाल सरकार का कौन-सा अतिरिक्त हित है। उसके बाद कोर्ट ने नविका कुमार के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया। मुकुल रोहतगी ने एफआईआर में जांच पर भी रोक लगाने की मांग की तब कोर्ट ने कहा कि बिना प्रतिवादी का पक्ष सुने ये आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।