आगरा । आगरामें जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रत्याशी तक खड़ा न कर पाने पर समाजवादी पार्टी ने प्रदेश के 11 जिलाध्यक्षों को पदमुक्त कर दिया था। इसमें आगरा के जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल भी शामिल थे। यह गाज नामांकन के ही दिन यानि 26 जून को ही गिर गई थी। अब इस पद पर पार्टी के कई दावेदार ताल ठोंक रहे हैं। इधर, नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत समीकरणों पर मंथन कर रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को देखते हुए पार्टी ओबीसी या एससी वर्ग के जिलाध्यक्ष पर एक बार फिर से दांव खेलने की तैयारी में हैं। इस वर्ग के कई पार्टी के पुराने दिग्गज तोड़तोड़ में लग गए हैं। मगर, संगठन की ओर से अभी तक किसी आशीर्वाद नहीं दिया है। ऐसे में दिग्गजों का मानना है कि पार्टी नेतृत्व अचानक किसी नये चेहरे पर दांव लगा सकता है। जैसा कि निवर्तमान जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल को बनाकर किया था। लगभग डेढ़ साल पहले जब वह जिलाध्यक्ष बने थे, तब भी पार्टी के कई दिग्गज दावेदार लाइन में थे। इसमें से कुछ तो शीर्ष नेतृत्व के बेहद करीबी भी थे, इसके बावजूद उन्हें मौका नहीं मिल पाया था। महानगर अध्यक्ष का पद पर पिछले लगभग एक दशक से मुस्लिम समाज के दिग्गजों का कब्जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि जुलाई में पार्टी को नया जिलाध्यक्ष मिल जाएगा। हालांकि इस बीच कई पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। ये सारी कसरत विधानसभा चुनाव काे देखते हुए की जा रही है।
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