खड़े होकर पानी पिने से सेहत को हो सकते हैं ये सात बड़े नुकसान

आपने आज तक पानी पीने के तो कई फायदे सुने होंगे पर क्या आप जानते हैं गलत तरीके से पानी पीने से सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है। यह बात कम लोगों को पता होती है कि व्यक्ति जिस पोजीशन में पानी पीता है उसका भी अच्छा और बुरा असर उसकी सेहत पर पड़ता है। आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने की मनाही है। इस तरह पानी पीने से एक तो व्यक्ति की प्‍यास पूरी तरह नहीं बुझती और दूसरा उसके शरीर के कई महत्‍वपूर्ण अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं खड़े होकर पानी पीन के ऐसे ही कई बड़े नुकसान।

खाना खाने के तुरंत बाद क्यों नहीं पीना चाहिए पानी-
माना जाता है कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से व्यक्ति की पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है। खाना खाने के तकरीबन आधे से एक घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पाचन क्रिया कमजोर होती है और ये सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। वहीं अगर तीखा खाना खा रहे हैं तो घूंट-घूंटकर पानी पिएं। एक साथ ढेर सारा पानी पीने से खाना पचने में दिक्कत हो सकती है।

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान-
ऑक्सीन सप्लाई रुक जाती है-

खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। जिसका असर न केवल फेफड़ों पर बल्कि दिल पर भी पड़ता है।

हर्निया की शिकायत-
खड़े होकर पानी पीने से पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दबाव बनता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस बुरी आदत के चलते कई लोगों को हर्निया का शिकार होना पड़ता है।

जोड़ों में दर्द की शुरुआत-
खड़े होकर पानी पीने की आदत की वजह से पानी का बहाव तेजी से आपके शरीर से होकर जोड़ों में जमा हो जाता है। जिसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों पर बुरा असर पड़ता है। हड्डियों के जोड़ वाले हिस्से में तरल पदार्थ की कमी की वजह से जोड़ों में दर्द के साथ हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। कमजोर हड्डियों के चलते व्यक्ति गठिया जैसी बीमारी से पीड़ित हो सकता है।

किडनी पर असर-
जब कोई व्यक्ति खड़े होकर पानी पीता है, तो पानी बिना फिल्टर हुए निचले पेट की तरफ तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से पानी में जमा अशुद्धियां पित्ताशय में जमा हो जाती हैं। जो किडनी के लिए बहुत हानिकारक होती हैं।

प्यास नहीं बुझती-
खड़े होकर पानी पीने से भले ही पेट भर जाए लेकिन व्यक्ति की प्यास नहीं बुझती है। प्यास बुझाने के लिए बैठकर पानी के छोटे-छोटे घूंट पिएं।

अपच की समस्या- 
व्यक्ति जब बैठकर पानी पीता है तो मसल्स और नर्वस सिस्टम रिलैक्स होती हैं और पानी आसानी से पच जाता है। जबकि खड़े होकर पानी पीने से अपच की समस्या पैदा होती है।

एसिड का स्तर कम नहीं होता-
खड़े होकर या जल्दी में पानी पीने से शरीर में एसिड का स्तर कम नहीं होता। इसलिए हमेशा पानी शांत बैठकर पीना चाहिए।

बैठकर पानी पीने के फायदे-
– पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है।
– गरम पानी पीने से अतिरिक्त चर्बी नहीं बनती और वजन घटता है।
– बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं।
-घूंट-घूंटकर पानी पीने से पेट में एसिड का स्तर नहीं बढ़ता बल्कि खराब एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति जिस पानी को पीने के लिए उपयोग करें उसका तापमान शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में बाहर से आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पीने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा न ज्यादा ठंडा और न बर्फ वाला पानी पीना चाहिए। पीने के लिए हमेशा नॉर्मल पानी का ही उपयोग करें।

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