द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में अंग्रेजों से विरासत में मिली शिक्षा के स्थान पर भारतीय या स्वदेशी शिक्षा प्रणाली का मंगलवार को आह्वान किया।
आप नेता केजरीवाल ने गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान के तहत यहां अभिभावकों और शिक्षकों के साथ टाउनहॉल बैठक में यह भी कहा कि भारत को दुनिया भर के छात्रों के लिए एक गंतव्य बनना चाहिए, जैसे नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन काल में था। कार्यक्रम में एक प्रतिभागी द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा तैयार की गई पाठ्य पुस्तकों को बदल दिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, न केवल एनसीईआरटी की किताबें बल्कि पूरी सामग्री को बदलने की जरूरत है। अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली को खत्म करके देश में भारतीय शिक्षा प्रणाली शुरू करने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पुरानी शिक्षा व्यवस्था को खत्म नहीं करके देश ने गलती की। उन्होंने कहा, हमारी पूरी शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों की देन है। यह मैकाले की व्यवस्था है, जिसे 1830 के दशक में तैयार किया गया था ताकि हम लिपिक बनकर उनकी सेवा कर सकें। मैं सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करता हूं, लेकिन जब देश को आजादी मिली, तो हमें तैयारी करनी चाहिए थी। पुरानी ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली को समाप्त करके स्वतंत्र भारत के लिए एक नई शिक्षा प्रणाली तैयार करनी चाहिए थी।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, उदाहरण के लिए, हमारे बच्चे स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश शुरू करते हैं। हमें ऐसे छात्रों को तैयार करने के लिए एक प्रणाली की आवश्यकता है जो नौकरी की तलाश नहीं करेंगे बल्कि दूसरों को नौकरी देंगे। हमने दिल्ली में व्यवस्था शुरू की है। 11 वीं और 12 वीं के छात्रों को हमने यह सिखाना शुरू कर दिया है कि उन्हें व्यापार कैसे करना है। दिल्ली सरकार के स्कूलों के करीब 1,100 छात्रों ने शीर्ष मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट और आईआईटी-जेईई उत्तीर्ण किया है। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि आप ने गुजरात में शिक्षा पर संवाद करने के लिए पिछले चार-पांच दिनों में 13 जगहों की बुकिंग की कोशिश की, लेकिन सत्ताधारी भाजपा कार्यकर्ताओं ने आयोजन स्थल के मालिकों को धमकाया।