जोहानिसबर्ग । दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा को अवमानना के मामले में देश की शीर्ष अदालत द्वारा दी गई 15 महीने कारावास की सजा रविवार से शुरू होने वाली थी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी एक सप्ताह और टल गई है।
इससे पहले जूमा ‘कमीशन ऑफ इन्क्वायरी इनटू स्टेट कैप्चर’ द्वारा कई बार बुलाए जाने के बावजूद पेश नहीं हुए थे। संवैधानिक अदालत ने शनिवार को बताया कि वह जूमा को दी गई सजा रद्द करने के लिए दायर याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई करेगी, यानी जूमा को गिरफ्तारी से एक और सप्ताह की राहत मिल गई है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि 79 वर्षीय जूमा ने अपनी आयु, चिकित्सकीय परिस्थितियों और कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के कारण उनके जीवन को खतरा होने जैसे कई कारण का हवाला देकर अदालत से उन्हें दी गई सजा को रद्द करने का अनुरोध किया है।
‘इंडिपेंटेंड ऑनलाइन’ ने जूमा की याचिका के हवाले से कहा कि उन्हें सलाह दी गई है कि देश के संवैधानिक लोकतंत्र के तहत संवैधानिक अदालत के पहले प्रत्यक्ष कैदी के तौर पर जेल में अपनी सजा शुरू करने से पूर्व संवैधानिक अदालत से अपने फैसले पर फिर से गौर करने का अनुरोध करना व्यर्थ नहीं होगा।
यह फैसला ऐसे समय में किया गया है, जब पिछले तीन दिन से ग्रामीण नकंडला में जूमा के आवास के बाहर सैकड़ों एएनसी सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी और अन्य समर्थक एकत्र हैं और उन्होंने धमकी दी है कि यदि जूमा को जेल ले जाया जाता है तो वे हिंसा करेंगे। जूमा के भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोपों के बाद लोगों में आक्रोश के बीच तीन साल पहले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने तनाव कम करने के प्रयास के तहत उनके गृह प्रांत क्वाजुलु-नताल में अपने कुछ सबसे वरिष्ठ नेताओं को भेजा है।
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