नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गत चार सालों में प्रदूषण के नाम पर दिल्ली वालों से 883 करोड़ रूपये वसूल किये हैं, लेकिन इस गंभीर मुद्दे पर सरकार ने अभी तक केवल 1.6ः राशि ही खर्च की है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए होने के बावजूद प्रदूषण को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम केजरीवाल सरकार वास्तव में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के प्रति गंभीर नहीं है। केजरीवाल को प्रदूषण सेस से मिली करोड़ों की राशि का हिसाब देना चाहिए।
आदेश गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार ने प्रदूषण पर अपने वायदों पर कुछ काम किया होता तो दिल्ली में कोरोना की गंभीर रूप न ले पाता। दिल्ली में धूल प्रदूषण ज्यादा होने के कारण कोरोना को बढ़ने का मौका मिला और बच्चों से लेकर बुजुर्गों में सांस और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में पाराली जलाए जाने को बड़ा कारण बता रहे हैं, लेकिन अब जब पाराली कहीं नहीं जलाई जा रही है तो भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। सम्मेलन के दौरान प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी उपस्थित थे।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बच्चों को पोस्टर देकर चौराहे पर खड़े करने, ऑड-ईवन का फार्मूला लागू करने और इंजन ऑफ करने जैसे नाटकों पर पैसे बर्बाद किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार की लापरवाही और नाकामी के कारण दिल्ली में रोज 148 लोगों की मौत हो रही है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने आईआईटी कानपुर द्वारा दिल्ली प्रदूषण पर भेजी गई रिपोर्ट पर आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसके कारण स्थिति और भी भयावह हो रही है। दक्षिण पूर्व एशिया ग्रीनपीस नामक स्वयंसेवी संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में गत वर्ष 54000 लोगों की प्रदूषण के कारण मौत हो गई यानी प्रतिदिन 148 मौतें। इतनी मौतों से साफ है कि दिल्ली में प्रदूषण किस हद तक खतरनाक हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में प्रदूषण के कारण दिल्ली को 58 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है। यही नहीं वायु में पीएम 2.5 का स्तर इतना बढ़ चुका है, जिससे दिल्ली वालों का दम घुट रहा है।