पुष्कर सिंह धामी, जो बनेंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

 उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे राज्य के 11 वें और सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे। उनका जन्म पिथौरागढ की ग्राम सभा टुंडी, तहसील डीडीहाट में हुआ। सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने राष्ट्रीयता, सेवा भाव और देशभक्ति को ही धर्म के रूप में अपनाया। आर्थिक आभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। तीन बहनों के बाद अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहीं।

ऐसा था इनका प्रारंभिक जीवन

इनकी माता विश्ना देवी एक धर्मपरायण, मृदुभाषी और अपने परिवार के प्रति समर्पित घरेलू महिला थीं। धामी को बचपन से ही स्काउट गाइड, एनसीसी, एनएसएस आदि शाखाओं में प्रतिभाग और समाजिक कार्यो को करने की भावना रही। लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों को एक जुट करके निरन्तर संधर्षशाील रहते हुए उनके शैक्षिणक हितों की लड़ाई लडते हुए उनके अधिकार दिलाये गये तथा शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनीतिक जीवन

सन 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया है। इसी दौरान अलग-अलग दायित्वों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालन कर प्रमुख भूमिका निभाई।

राज्य की भौगोलिक परिस्थियों को नजदीक से समझते हुए क्षेत्रीय समस्याओं की समझ और उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में 2002 तक कार्य किया। दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छः वर्षो तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां और सम्मेलन आयोजित किए।

लगातार दो बार से हैं विधायक

खटीमा से वह लगातार दो बार 2012 से अब तक विधायक हैं। उनका कहना है कि सीएम के रूप में क्षेत्र और राज्य की जनता से मेरा यही निवेदन है कि अपनी समस्याओं के समय-समय पर अवगत कराते रहें, जिससे मैं उन्हे विधानसभा में सरकार के सामने प्रमुखता से उठाते हुए उनका निराकरण आपके सहयोग से समय पर करा सकूं। मेरे द्वारा सदैव आपके स्वागत के लिए खुल हैं। सभी लोग, सभी वर्ग, सभी क्षेत्रों में जाति-धर्म के विचार से ऊपर उठकर सामाजिक उत्थान के लिए मिलजुलकर कार्य करें।

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