दिल्ली: शुरू किया गया देशभर के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए वर्चुअल स्कूल

 

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली तरह में पूरी तरह से डिजिटल व वर्चुअल स्कूल की शुरूआत की गई है। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह देशभर में अपनी तरह का पहला डिजिटल वर्चुअल स्कूल है। देश के किसी भी हिस्से से कोई भी छात्र स्कूल में दाखिला ले सकता है। फिलहाल यह स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को वर्चुअल स्कूल शुरू करने की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल के लिए आवेदन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है। देश भर के छात्र इसमें प्रवेश के लिए पात्र हैं।

वर्चुअल स्कूल के लिए कक्षाएं, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से संबद्ध होगीं। कक्षा 9 से कक्षा 12 के बीच दाखिले के लिए छात्रों की आयु सीमा 13 से 18 वर्ष के बीच रखी गई है। छात्र वेबसाइट पर आवेदन करके प्रवेश ले सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि वर्चुअल स्कूल के तहत, छात्र ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकते हैं और सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी कारण से किसी छात्र की कक्षा छूट जाती है तो वह कक्षा की रिकॉडिर्ंग देख सकता है। कक्षा की रिकॉडिर्ंग एक वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कई बच्चे ऐसे हैं जो विभिन्न कारणों से स्कूल नहीं जा सकते। कई बच्चे गांव में रहते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनके लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल होता है। कई घरों में गरीबी व अन्य कारणों से बेटियों को शिक्षा नहीं मिल पाती। कई बार स्कूल दूर होने के कारण अभिभावक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में बाधा बन रहे इन सभी कारकों को दिल्ली का वर्चुअल स्कूल दूर करेगा। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के मॉडल वर्चुअल स्कूल में सभी कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। इसके साथ-साथ छात्रों की सुविधाओं को देखते हुए रिकॉर्ड किए गए व्याख्यान भी ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में हम ऐसे बच्चों के लिए भी एक रेजिडेंशियल स्कूल बनाने जा रहे हैं जो ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते हैं। इससे पहले बीते सप्ताह दिल्ली सरकार ने दिल्ली में शहीद भगत सिंह आम्र्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल शुरू किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अब दिल्ली के गरीब से गरीब परिवार के बच्चे भी इस स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा की मदद से सेना में अधिकारी बन देश की सेवा कर सकेंगे। दिल्ली सरकार के आम्र्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी।

सीएम के मुताबिक ये स्कूल एक साल में ही बनकर तैयार हो जाएगा, यह उम्मीद नहीं थी। एक-दो साल पहले सोचा गया कि दिल्ली में आम्र्ड फोर्सेज की तैयारी कराने के लिए कोई सैनिक स्कूल नहीं है। यह स्कूल स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से युक्त है, जो बड़े-बड़े स्कूलों में भी नहीं होती, यहां 80-90 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं। स्कूल में बच्चों की शिक्षा पूरी तरह फ्री है और सबका एक जैसा माहौल है, ताकि यहां गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके। दिल्ली सरकार का कहना है कि स्कूल में बच्चों को ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे, साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा। स्कूल का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर इसलिए रखा गया है, ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले।

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