पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि 2017 में सत्तारूढ़ हुई भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद बना दी है। दोनों भले आदमी हैं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय ले लिया। जबकि वित्त विभाग भी उन्हीं के पास था। बजट पर चर्चा और बहस का जवाब उन्हीं को देना था। बजट उन्हीं को पारित करवाना था। त्रिवेंद्र को हटाए जाने से बजट भी जल्दबाजी में पारित किया गया। फिर उतने भले ही आदमी तीरथ सिंह रावत सीएम बने। तीरथ की स्थिति कुछ उनके बयानों ने खराब की। रही सही कसर भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके चुनाव लड़ने के सवाल पर निर्णय न लेने के कारण हास्यास्पद बना दी। अब लोग कह रहे हैं कि हमारे सीएमको जब इसी बात ज्ञान नहीं था कि उनको कब चुनाव लड़कर के विधानसभा पहुंचना है, तो ये व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा।

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