नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, जीएसटी और ईवे बिल समेत कई मुद्दों पर आज यानी 26 फरवरी को भारत बंद बुलाया गया है। देशभर के व्यापारी, ट्रेड यूनियनों और ट्रांसपोर्टर्स ने इस बंद का आह्वान किया है। भारत बंद को 40,000 ट्रेडर्स एसोसिएशंस ने अपना समर्थन देने की बात कही है। इसके अलावा कृषि कानूनों विरोध करने वाले कई कृषि संगठनों ने भी आज के इस भारत बंद को समर्थन देने के फैसला किया है। ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा कर की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित कई बातों और वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति आदि के विरोध में यह बंद है।
भारत बंद के दौरान क्या हैं मांगें
भारत बंद के दौरान प्रमुख मांगों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तत्काल कमी और इसमें एकरूपता, ई-वे बिल व जीएसटी से संबंधित मुद्दों का समाधान और वाहनों को कबाड़ करने की नीति को अमल में लाने से पहले ट्रांसपोर्टरों के साथ इस बारे में चर्चा शामिल है। संगठन ने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो वे देश भर में परिचालन बंद करने को बाध्य होंगे।
कौन कौन हैं इस बंद में शामिल:
कौन कौन हैं इस बंद में शामिल: फेडेरेशन ऑफ एल्युमिनियम यूटेंसिलस मैन्यूफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स असोसिएशन, नॉर्थ इंडिया स्पाइसिस ट्रेडर्स असोसिएशन, ऑल इंडिया विमेंन्स एंटेरप्रिनियर्स असोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर असोसिएशन, ऑल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्यूफैक्चरर्स असोसिएशन आदि।