Author:- Rishabh Tiwari
कानपुर। 3 जून को कानपुर के नई सड़क में हिंसा हुई थी। इस मामले की जांच को एसआईटी गठित कर उसको जिम्मेदारी सौंपी गई थीं। वहीं एसीपी त्रिपुरारी पांडेय को जांच की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। सूत्रों की मानें तो एसीपी त्रिपुरारी पांडेय पर आरोपियों को पकड़ने-छोड़ने जैसे समेत कई गंभीर आरोप लगे थे। इतना ही नहीं उन पर हिंसा की जांच से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं भी लीक करने का आरोप था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना ने हिंसा की जांच कर रही एसआईटी को भंग कर नई एसआईटी का गठन किया था।
सूत्रों की मानें तो पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा की रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय के आदेश पर उनका तबादला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीसी) जालौन कर दिया गया है। एसीपी त्रिपुरारी पांडेय कानपुर से रिलीव होने के बाद जालौन में ज्वाइन भी कर लिया। हांलाकि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि एसीपी का रूटीन ट्रांसफर हुआ है।
बताया जाता है कि एसीपी त्रिपुरारी पांडेय सिपाही से यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। एक के बाद एक आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर एसीपी तक पहुंचे हैं। उन्हें मैनेजमेंट गुरु भी कहा जाता है। शहर के किसी भी क्षेत्र में बड़ी घटना या माहौल बिगड़ता था तो उन्हें ही भेजा जाता था। कानपुर में उन्होंने सुशील बच्चा जैसे ड्रग माफिया की गिरफ्तारी के साथ ही कई बड़े गुडवर्क भी किए। लेकिन पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना से लगातार उनकी शिकायतों से नाराज थे।
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