मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी के सभी विभागों एवं पार्टी सेल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। NCP के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के अनुमोदन से, सभी विभाग एवं प्रकोष्ठ तत्काल प्रभाव से भंग किये जाते हैं।’ हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल ने अचानक लिए गए इस फैसले की वजह का खुलासा नहीं किया। मगर अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवसेना में टूट को देखते हुए पवार ने यह कदम उठाया गया है। 
शरद पवार का यह निर्णय महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के 3 सप्ताह पश्चात् आया है। उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली सरकार में कांग्रेस के अतिरिक्त NCP भी गठबंधन में सहयोगी थी। सरकार उस समय गिर गई, जब एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले गुट ने बगावत कर दी फिर बाद में भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बना ली।
वही कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने शरद पवार पर शिवसेना को तोड़ने का इल्जाम लगाया था। उन्होंने बोला था कि उन्होंने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को उसका सबूत भी दिया था। एक बयान में कदम ने बोला था, ‘शिवसेना को व्यवस्थित तरीके से पवार ने कमजोर किया है। कुछ विधायकों ने इसे लेकर चिंता जताई थी मगर ठाकरे पवार से नाता तोड़ने को राजी नहीं थे।’ आगे कदम ने कहा, ‘ये जो हुआ (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत) उसको लेकर हमें शुक्रिया अदा करना चाहिए कि ऐसा सरकार के ढाई वर्षों के कार्यकाल में ही हो गया। नहीं तो 5 वर्षों के कार्यकाल में तो शिवसेना समाप्त ही हो जाती। 5-10 विधायक भी अगला विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाते।’ हालांकि NCP के प्रवक्ता महेश तापसे ने कदम के बयान का खंडन किया। उन्होंने कहा कि शिवसेना में टूट के पीछे भाजपा का हाथ है तथा बागी नेता पवार पर हमला बोलकर ध्यान हटाना चाहते हैं। इस बीच शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ आवंटित करने की मांग की है।
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