द ब्लाट न्यूज़ । खजूरी सड़क थाना इलाके में गुरुवार दाेपहर काे बीएससी के छात्र की हत्या कर उसका शव जलाने के मामले में फरार युवक काे गिरफ्तार कर लिया है। अाराेपित ग्वालियर जेल से पेराेल पर रिहा हाेने के बाद फरार हाे गया था। शातिर अपराधी ने खुद की हत्या हाे जाने की बात साबित करने की साजिश के तहत निर्दाेष युवक काे मार डाला था। वह हत्या के मामले में अपने दुश्मन काे फंसाना चाहता था। इसके लिए उसने शव के पास अपने दुश्मन का माेबाइल फाेन भी छाेड़ा था, लेकिन शव पूरी तरह नहीं जलने के कारण उसका षड़यंत्र विफल हाे गया।
खजूरी सड़क थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि गुरुवार दाेपहर काे अमलताश कालाेनी के एक मकान में बंद कमरे में किसी युवक का अधजला शव पड़े हाेने की सूचना मिली थी। मौके पर पुलिस ने शव बरामद किया। उसकी पहचान 21 वर्षीय अमन पुत्र लखन दांगी के रूप में हुर्इ। मूलत: ग्राम सिराड़ी, थाना दाेराहा जिला सीहाेर निवासी अमन वर्तमान में अमलताश कालाेनी में किराए के मकान में रह रहा था। वह बीएससी सेकेंड इयर का छात्र था। साथ ही निजी काम भी करता था। जिस मकान में अमन का शव बरामद हुअा, उसमें मूलत: राघौगढ़ (गुना) निवासी रजत सैनी उर्फ सिद्धार्थ उर्फ माइकल रहता था। रजत मेडिकल उपकरण बनाने वाली एक फर्म में नौकरी करता था। घटना के बाद से रजत फरार था। संदेह के अाधार पर पुलिस ने रजत की तलाश शुरू की। इस दौरान पता चला कि रजत शातिर अपराधी है। वह ग्वालियर जेल में अाजीवन कारावास की सजा काट रहा था। पेराेल पर रिहा हाेने के बाद वह फरार हाेकर भाेपाल में अाकर अमलताश कालाेनी में रहने लगा था।
पूछताछ में रजत सैनी ने पुलिस काे बताया कि 2017 में उसे धोखाधड़ी के अपराध में सात साल की सजा सुनाई गर्इ थी। जेल में उसकी पहचान निरंजन मीणा से हुई। रजत को पैसे की जरूरत थी, इस बात को जब उसने निरंजन को बताया तो उसने जेल में ही रामनिवास मीणा से मिलवाया। रामनिवास ने रजत को 5 लाख रुपए उधार दिलवा दिए। रजत जब समय पर पैसे नहीं लौटा पाया तो परिवार को धमकियां मिलने लगीं। इसी बीच 23 मई को उसे पैरोल मिली। वह जेल से बाहर आया और भोपाल के फंदा इलाके में किराए से मकान लेकर रहने लगा। उसका प्लान निरंजन की हत्या कर उसे इसी किराए के कमरे में दफनाने का था, लेकिन मौका नहीं मिला।
निरंजन की हत्या की याेजना फेल होने पर रजत ने खुद की हत्या हाेना साबित करने की साजिश रची। इसके लिए वह भोपाल में उसे कमरा दिलाने वाले रवि मीणा को मारना चाहता था, लेकिन इसमें भी कामयाब नहीं हुआ। गुरुवार को उसकी जगह दूसरा दोस्त अमन मिल गया। इसके बाद उसने कमरे पर बुलाकर सिर पर हथौड़े से वारकर अमन की हत्या कर दी और पेट्रोल से शव को जला दिया। अमन की हत्या के पीछे उसका मकसद यह था कि पुलिस उसे मरा समझ लेगी और उसे मीणा को 5 लाख रुपए भी नहीं लौटाने पड़ेंगे और वो जेल की बाकी सजा से भी बच जाएगा।