लंबे सफर पर ट्रेन से यात्रा करना आरामदायक और सुरक्षित रहता है. रेलवे ने भी इसको ध्यान में रखते हुए यात्रियों के लिए कई नियम बनाए हैं. इनमें से कई नियम रात में सफर करने वालों के लिए हैं. अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको रेलवे से जुड़ा हर नियम पता होना चाहिए. पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने रात्रि सफर के नियमों को अपडेट किया था. आइए जानते हैं रेलवे से जुड़े वो नियम, जिनका हवाला देकर आप सफर का पूरा मजा ले सकते हैं.
थ्री टियर कोच में का यह है नियम
थ्री टियर कोच में सफर करते समय मिडिल बर्थ को लेकर सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती है. अक्सर लोअर बर्थ वाला यात्री देर रात तक सीट पर बैठा रहता है, इस कारण मिडिल बर्थ वाला यात्री चाहकर भी आराम नहीं कर पाता. इसके अलावा ऐसा भी होता है कि मिडिल बर्थ वाले यात्री देर रात तक लोअर बर्थ पर बैठे रहते हैं, इस कारण लोअर बर्थ वाले को सोने में परेशानी होती है.
मिडिल बर्थ को खोलने और बंद करने का समय
अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है तो रेलवे के नियमों की जानकारी जरूर कर लीजिए. इन नियमों को जानने के बाद ही रेलवे के नियमों का हवाला दे सकते हैं. नियमानुसार रात 10 से सुबह 6 बजे तक मिडिल बर्थ को खोला जा सकता है. यानी यदि आपकी लोअर बर्थ है तो रात 10 बजे के बाद मिडिल बर्थ या अपर बर्थ वाला यात्री आपकी सीट पर नहीं बैठ सकता. आप उसे रेलवे के नियम का हवाला देकर अपनी सीट पर जाने के लिए कह सकते हैं. यदि दिन में मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी सीट खोलता है तब भी आप उसे नियम बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं.
टीटीई भी नहीं चेक कर सकता टिकट
यात्री अक्सर शिकायत करते हैं कि सोने के बाद टीटीई कोच में टिकट चेक करने के लिए जगा देते हैं. इससे उनकी नींद खराब हो जाती है और परेशानी होती है. यात्रियों की इस परेशानी को दूर करने और सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए नियमानुसार टीटीई रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक टिकट चेक नहीं कर सकता. लेकिन यदि आपकी यात्रा रात 10 बजे के बाद शुरू होती है तो रेलवे का यह नियम लागू नहीं होता.
तेज-तेज बात करने पर भी पाबंदी
यात्रियों की तरफ से अक्सर रात में सहयात्री के मोबाइल पर तेज आवाज में गाना सुनने या वीडियो देखने की शिकायतें रेलवे बोर्ड को मिलती हैं. इस तरह की भी शिकायतें आती रहती हैं कि यात्रियों का कोई ग्रुप रात में तेज आवाज में बात करता है. इसके मद्देजर रेलवे ने 10 बजे के बाद बिना ईयर फोन के गाने सुनने, वीडियो देखने या तेज आवाज में बात करने पर भी पाबंदी लगा रखी है.
रेलवे स्टॉफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र
यदि आपका सहयात्री आपकी बात नहीं मानता तो इसके लिए आप ट्रेन में मौजूद रेलवे स्टॉफ से शिकायत कर सकते हैं. रेलवे स्टॉफ की जिम्मेदारी है कि मौके पर आकर आपकी समस्या का समाधान करे. यदि सह यात्री फिर भी नहीं मानता तो उस पर रेलवे के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है.