द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर गिरोहों के बीच संभावित लड़ाई को टाल देने का दावा किया है जिसे गैंगस्टर नीरज बवानिया और उसके गिरोह के सदस्यों का सफाया करने का कथित रूप से निर्देश दिया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रोहित उर्फ लांबा (30) अशोक प्रधान-नीतू डाबोडिया गिरोह से जुड़ा है एवं वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा में 20 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।
अधिकारियों ने दावा किया कि लांबा 2017 में बवानिया के चाचा गैंगस्टर काला आसोदिया की हत्या में भी शामिल था। तब आसोदिया को झज्जर अदालत में पेश किया जा रहा था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जेल में बंद अशोक प्रधान ने अपने साथियों के मार्फत लांबा तक हथियार पहुंचाए थे। उनकी योजना थी कि अदालत में पेश करते समय बवानिया या उसके गिरोह के किसी सदस्य को मार डाला जाए।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) रोहित मीणा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर लांबा को सात जुलाई को उत्तम नगर में पकड़ा गया। वह नजफगढ़ का रहने वाला है।
मीणा के अनुसार, आरोपी लांबा के पास से एक पिस्तौल और दो कारतूस जब्त किए गए हैं और पता लगाया जा रहा है कि उसके पास हथियार कहां से आया। उनके मुताबिक, लांबा नजफगढ़ में हत्या के प्रयास के एक मामले में कथित रूप से शामिल था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 जनवरी को लांबा ने अपने साथियों के साथ मिलकर नजफगढ़ के निवासी दुर्गा सिंह पर गोलियां चलायी थीं। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था लेकिन लांबा एवं उसके साथी फरार हो गये थे।
The Blat Hindi News & Information Website