डेल्टा प्लस वेरिएंट वाले मरीज की अफवाह

सिवनी । सोमवार एवं मंगलवार को सिवनी जिले में दिन भर सोशल मीडिया पर एक खबर जमकर गर्म रही। इसका मजमून कुछ इस तरह था कि सिवनी में एक डेल्टा प्लस वेरीएंट वाला मरीज मिला है। दिन भर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मस पर यह संदेश जमकर वायरल हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस संदेश में कुछ जगहों पर इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट का मरीज सिवनी शहर में ही मिला है। वहीं दिन भर दबी जुबान से यह चर्चा भी होती रही कि मरीज भैरोगंज में किसी स्थान पर मिला है।

सूत्रों ने कहा कि अफवाहों के पर नहीं होते ये जहां चाहे वहां उड़ान भरते रहते हैं। इसी तर्ज पर लोगों के बीच यह चर्चा भी चलती रही कि सिवनी में मिले डेल्टा प्लस वेरिएंट वाले मरीज के द्वारा सिवनी जिले से बाहर कहीं जाकर इलाज करवाने के दौरान अपना नमूना भेजा था तब उन्हें पता चला कि वे डेल्टा प्लस वेरिएंट वाले वायरस से ग्रसित हैं। कुछ चर्चाएं इस तरह की भी थीं कि उक्त मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, तो कोई कह रहा है कि मरीज को नागपुर भेज दिया गया है। कुल मिलाकर जितने मुंह उतनी बात की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।

सूत्रों ने बताया कि दिन भर प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेश्राम से लोग इस वायरल मैसेज की हकीकत जानने का प्रयास करते रहे। डॉ. मेश्राम ने लोगों को बताया कि इस तरह का कोई मरीज अगर मिलता तो निश्चित तौर पर सबसे पहले उनकी जानकारी या जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरीदास फटिंग की जानकारी में यह बात आती।

स्थिति स्पष्ट करने से बच रहे सीएमएचओ!

वहीं दूसरी ओर लगातार दो दिन से सोशल मीडिया पर इस आशय की बातों का बाजार गर्म रहा, एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेश्राम के द्वारा इस संबंध में पूरी तरह मौन ही अख्तिायर करे रखा गया। मंगलवार 29 जून की शाम लगभग साढ़े छः बजे तक सरकारी स्तर पर इस खबर की न तो पुष्टि की गई न ही इसका खण्डन ही किया गया।

की जाए प्राथमिकी दर्ज!

कोरोना कोविड 19 को लेकर समय समय पर जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग के हवाले से जारी होने वाली सरकारी विज्ञप्तियों में कोरोना कोविड 19 के बारे में सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने आदि को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाने के बाद भी मंगलवार शाम तक इस मामले में स्वास्थ्य प्रशासन के द्वारा न तो प्राथमिकी दर्ज कराई गई और न ही किसी तरह से इस बात की पतासाजी करने का प्रयास किया गया कि वास्तव में सिवनी में कोविड 19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट वाला कोई मरीज मिला भी है अथवा नहीं। लोगों का कहना है कि जब प्रतिबंधात्मक आदेश जारी हैं तो इस मामले में अफवाह फैलाने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाना चाहिए।

Check Also

20 मई से 15 जून तक बच्चों की हो गई गर्मियों की छुट्टी…

Kanpur, ब्यूरो। तेज सूरज और राजस्थान से होकर आ रही गर्म हवा के कारण गर्मी …