भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह से मिलकर कुश महोत्सव पर की चर्चा-मल्लिका राजपूत

 

सुल्तानपुर:- पूज्य गुरुदेव अवधूत उग्रचण्डेश्वर कपाली बाबा के सानिध्य में गृहस्थ संन्यास धारण कर माँ मैत्तरायणी योगिनी अपने आप को जानने के लिये कहने वाली इस समय जनपद की राजनीति में भी बढ़ चढ़ कर अपना हिस्सा ले रही है , जिनके बढ़ते कदम से राजनीति क गलियों में भी हलचल मच गई है बताया जाता है कि मलिका राजपूत आने वाले समय में पुनः एक बार भाजपा में सक्रिय भूमिका दिखायी पड़ सकती हैं। ख़ास बात ये है कि सन्यास के इस रूप में मलिका राजपूत के ऊपर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है और उन्हें यदा कदा सामान्य वस्त्रों में सन्यासी रूप से इतर सामाजिक कार्यों में देखा जा रहा है। हाल ही में उन्हें भाजपा नेता व पूर्व मंत्री विनोद सिंह से आगामी दिसम्बर में होने वाले विश्व स्तरीय कुश महोत्सव के सम्बंध में चर्चा करते हुए देखा गया। चर्चा से साफ़ ज़ाहिर है कि पूर्व मंत्री विनोद सिंह का महोत्सव में ख़ास हस्तक्षेप और सहयोग रहेगा। विगत वर्ष मलिका राजपूत ने सार फ़ाउंडेशन के तत्वावधान में “माध्यम” कार्यक्रम मंत्री जी के सुल्तानपुर स्थित केएनआईटी के प्रांगण में भजन सम्राट अनूप जलोटा, सुजाता मजूमदार व विजय तिवारी (कोमल) सफलतापूर्वक आयोजित किया। जिसमें मंत्री जी की धर्म पत्नी, सांसद प्रतिनिधि रंजीत सिंह, डॉ० एके सिंह, राजीव श्रीवास्तव और कई अनुभवी व चर्चित चेहरे जनपद के शामिल हुए थे। जहां मलिका राजपूत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित पुस्तक “नमो शासक” व ग़ज़ल संग्रह “अहसास” का विमोचन किया गया था। और अभी हाल ही में मलिका राजपूत की मुलाक़ात भाजपा सांसद मेनका संजय गांधी से भी हुयी थीं। होने वाले कुश महोत्सव को लेकर मलिका राजपूत ने जिलाधिकारी रवीश गुप्ता से मिलते हुए उन्हें आगामी कार्यक्रम से अवगत कराया। गौरतलब है कि मलिका राजपूत विगत कुछ महीनों से जनपद में ही हैं और प्रदेश तथा केंद्र स्तरीय भाजपा नेताओं से लगातार मिल रही हैं उनकी इस सक्रियता को देखते हुए यहाँ पर यदि ये अटकलें लगायी जाए कि आध्यात्मिक नाम माँ मैत्तरायणी योगिनी नाम के साथ मलिका राजपूत को पीछे रखते हुए। एक सन्यासी के रूप में राजनीतिक सफ़र की शुरुआत पुनः कर आगामी विधानसभा चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए उनका ये एक सोचा समझा निर्णय है। गौरवमयी इतिहास ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों के लिए आयोजित होने वाले कुश महोत्सव से उनका आशय जनपद के लिए कुछ बड़ा करने का है, और जनपद के लिए ये गौरव की बात होगी। आगे देखने वाली बात ये होगी कि संन्यास, राजनीति व पारिवारिक दायित्वों में सामंजस्य बिठा पाने में मलिका राजपूत (माँ मैत्तरायणी योगिनी) कहाँ तक सफल हो पाती हैं।

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