कोरोना के कारण नहीं जारी हो सका स्वतंत्र थर्ड पार्टी मूल्यांकन का ई-टेण्डर

– राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक आयोजित

लखनऊ । राजधानी लखनऊ में मंगलवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) की राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक संचालित परियोजनाओं के स्वतन्त्र थर्ड पार्टी मूल्यांकन के ई-टेण्डर निविदा की कार्यवाही कोरोना व प्रक्रियात्मक विलम्ब के कारण नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि राज्य नियोजन संस्थान मूल्यांकन प्रभाग को संचालित परियोजनाओं के थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराने के प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।

इस मौके पर मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों को शीघ्र उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन विभागों व संस्थाओं द्वारा निर्धारित समय में उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराये जायेंगे, भविष्य में उनके परियोजना का वित्त पोषण नहीं किया जायेगा।

श्री तिवारी ने कहा कि औद्यानिक पौधशालाओं के सुदृढ़ीकरण के बाद एनएचबी से मानकीकरण कराने के सम्बन्ध में उद्यान विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही तेजी से पूर्ण करायी जाए।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक 505.68 लाख के सापेक्ष 467.88 लाख व वर्ष 2018-19 में 4020.41 लाख के विरूद्ध 2442.95 लाख के उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए हैं। वहीं, वर्तमान में वर्ष 2018-19 तक के 1530.14 लाख एवं वर्ष 2019-20 में व्यय की गयी राशि के सापेक्ष भी 2726.89 लाख के उपयोगिता प्रमाण-पत्र भी लम्बित हैं।

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020-21 में उद्यान विभाग की मांग के अनुसार 3354.37 लाख की राशि निर्गत की गयी। उद्यान विभाग द्वारा परियोजनान्तर्गत 3184.46 लाख का व्यय कराया गया है। बताया ​कि इसके अलावा 2020-21 में उद्यान विभाग द्वारा 1991.38 लाख कार्यदायी संस्था को हस्तान्तरित करते हुए कार्य कराये जा रहे हैं।

रेशम विभाग के अनुसार, वर्ष 2020-21 में 811.59 लाख निर्गत की गयी, जिसके सापेक्ष 809.54 लाख का व्यय कराया गया है। परियोजना के संतृप्तीकरण हेतु 39.75 लाख की मांग की गयी है।

मत्स्य विभाग के अनुसार, वर्ष 2020-21 में 918.00 लाख की राशि निर्गत की गयी, जिसके सापेक्ष 369.74 लाख का व्यय कराया गया है। वर्ष 2021-22 में मत्स्य विभाग की मांग के अनुसार 1414.58 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रक्रियान्तर्गत है।

बैठक में बताया गया कि आरकेवीवाई के तहत समस्त विभागों व संस्थाओं द्वारा संचालित परियोजनाओं के अन्तर्गत 1000.00 तक लागत की सृजित परिसम्पत्तियों एवं अवस्थापनाओं की जियो-टैगिंग की कार्यवाही हो रही है। कोविड-19 के कारण जियो टैगिंग कार्यो की गति धीमी पाए जाने पर मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभागों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।

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