सिनेमा की दुनिया में कई बार बहुत कुछ ऐसा हो जाता है जो चौकाने वाला होता है। जी हाँ, इंडस्ट्री में कई बार एक समय स्टारडम के शिखर पर रहे सितारों को गुमनामी में जाते देर नहीं लगी और आज हम आपको एक ऐसी ही अदाकारा के बारे में बताने जा रहे हैं। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं 80 के दशक में साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में चर्चित रही एक्ट्रेस निशा नूर के बारे में। जी दरअसल निशा अपनी अदाकारी और खूबसूरती के लिए मशहूर थीं और उनकी लोकप्रियता का आलम ये था कि निशा नूर का किसी फिल्म में होना ही उसके हिट होने की गारंटी माना जाता था। जी हाँ और इसी के चलते हर फिल्ममेकर निशा के साथ काम करना चाहता था।
आपको बता दें कि निशा ने बेहद कम समय में तमिल और मलयालम भाषा की कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और अपना सिक्का जमा लिया। साल 1980 से लेकर साल 1995 तक उनकी धमक बनी रही लेकिन अचानक उन्हें काम मिलना बंद हो गया। कहा जाता है शुरुआती फिल्मों के बाद उनकी फिल्में चलना बंद हो गईं और वह पर्दे से दूर हो गईं। जी दरअसल एक समय लाइमलाइट में रहने वाली निशा नूर गुमनामी के अंधेरे में चली गईं और काम नहीं मिलने की वजह से कुछ समय बाद उनके सामने आर्थिक समस्याएं आने लगी।
अब इसे मजबूरी कहें या जो भी, वह धीरे धीरे वेश्यावृत्ति की तरफ चली गईं और यहीं से उनकी जिंदगी का खौफनाक अध्याय शुरू हो गया। कहा जाता है साल 2007 में वह एक दरगाह के बाहर मिली, जहां दुर्बल हो चुके उनके शरीर पर चींटियां रेंग रही थीं। यहाँ उनके शरीर पर कीड़ों ने घर बना लिया था। जी हाँ और निशा को अस्पताल ले जाया गया तो वे एड्स से पीड़ित है। केवल यही नहीं बल्कि उस समय उन्हें पहचानना तक मुश्किल हो रहा था। 23 अप्रैल 2007 को उनकी दर्दनाक मौत हो गई।