न्यायालय ने महिला मित्र की हत्या के दोषी की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा

 

द ब्लाट न्यूज़ । बम्बई उच्च न्यायालय ने 2008 में एक होटल के कमरे में अपनी महिला मित्र की हत्या करने और फिर आत्महत्या का प्रयास करने के लिए एक व्यक्ति को दी गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति प्रसन्ना वरले और न्यायमूर्ति श्रीकांत कुलकर्णी की एक खंडपीठ ने इस घटना को “पुरुष मित्र के हाथों 20 वर्षीय एक लड़की की नृशंस हत्या का मामला” करार दिया।

पीठ ने कहा कि मृतका के शरीर पर घाव के 19 निशान पाए गए थे जिससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आरोपी ने किस तरह उसकी हत्या करने की साजिश रची होगी।

उच्च न्यायालय ने इस संबंध में 27 जून को आदेश पारित किया था जिसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई।

अदालत ने कहा कि दोषी गिरि घटना के समय 30 वर्ष का था और उसने प्रेम में धोखा देने के शक में अपनी महिला मित्र सामंता फर्नांडीज की हत्या कर दी थी और इसके बाद खुद को चोट पहुंचाकर और फिर जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।

सत्र न्यायालय ने मई 2012 में गिरि को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसे उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा।

 

 

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