द ब्लाट न्यूज़ । कोरोना वायरस के सबसे अधिक संक्रमणशील स्ट्रेन ओमिक्रोन के बीए.2 के उपस्वरूप बीए.2.75 का अध्ययन करने पर पाया गया है कि भारत में इसका सीमित प्रसार है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी और यह भी कहा कि अब तक इस उपस्वरूप के चलते बीमारी की गंभीरता एवं प्रसार में वृद्धि नहीं पायी गयी है।
उन्होंने बताया कि सार्स-कोव-2 का फिलहाल चिंताजनक स्वरूप ओमिक्रोन वीओसी है तथा ऐसा देखा गया है कि वैश्विक स्तर पर बीए.2 ओमिक्रोन ने बीए.1 की जगह ले ली है।
भारत में अध्ययन में पाया गया कि बीए.2.75 का सीमित प्रसार है तथा अबतक इस उपस्वरूप के चलते बीमारी की गंभीरता एवं प्रसार में वृद्धि नहीं पायी गयी है।
चूंकि बीए.2 लगातार उभर रहा है, ऐसे में उसके उपस्वरूप भिन्न उत्परिवर्तनों के सेट के साथ अब विकसित हो रहे हैं। बीए.2.75 बीए.2 का समान उप स्वरूप है।
सूत्रों ने बताया कि ओमिक्रोन के इस उपस्वरूप एवं उसके उभरते अन्य उपस्वरूपों के प्रसार की निगरानी जारी रखना अहम है। सार्स-कोव-2 के विभिन्न स्वरूपों का शुरू में पता लगाने के लिए जीनोम अनुक्रमण के दायरे का विस्तार एवं उसे जारी रखने की जरूरत है।
बीए .2.75 बीए.2 की अगली पीढ़ी है और यह बहुत ही ज्यादा संक्रामक है एवं देश में हाल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के पीछे उसका ही हाथ बताया जा रहा है।
मंगलवार को देश में कोरोना वायरस के 13,086 नये मामले सामने आये। फिलहाल 1,14,475 उपचाराधीन रोगी हैं।