यूपी बोर्ड के स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की सीटें खत्म

 

द ब्लाट न्यूज़ । कोरोना काल में किताबों की छपाई न होने के कारण राजकीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं बंद हो गई है। 2019 में विद्यार्थियों को अंग्रेजी में शिक्षा देने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई थी, लेकिन कोरोना काल में किताबें न आने के चलते एक ही वर्ष में इस व्यवस्था पर पानी फिर गया।

 

दरअसल, राजकीय स्कूलों का स्तर बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया था। स्कूलों ने भी दबाव में आकर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के लिए सीटें आरक्षित कर दी। कोरोना काल में लोगों के रोजगार चलने जाने के बाद कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाई कराने के लिए राजकीय इंटर कॉलेजों में दाखिला दिलाया था, ताकि वह बेहतर शिक्षा हासिल कर अपना भविष्य बना सके। लेकिन किताबें उपलब्ध न होने से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो गया। अगले ही साल पूरी व्यवस्था चौपट हो गई और अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं बंद कर दी गई। होशियारपुर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रबंधक के अनुसार, सिर्फ एक साल ही अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं चली थी। शिक्षकों और किताबों की परेशानी आ रही थी। राजकीय इंटर कॉलेज की कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. सुलेखा रानी ने बताया कि वर्ष 2019 में कोरोना संक्रमण के दौरान अंग्रेजी माध्यम में कुछ कक्षाएं शुरू की गई थी। सिर्फ एक वर्ष ही कक्षाएं चली। अब इसे दोबारा शुरू करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन किताबें व शिक्षकों का अभी भी अभाव है।

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