टमाटर सब्जी के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ सलाद के रुप में भी काफी पसंद किया जाता है। टमाटर कोलेस्ट्रोल लेवल को बैलेंस कर शरीर में खून की कमी को भी दूर करता है। इसके सेवन से भूख लगने वाले हार्मोंस भी कंट्रोल में रहते हैं, जिससे आप आसानी से वजन कम कर सकती है। तो चलिए जानते हैं टमाटर का जूस पीने के अन्य फायदे…
टमाटर का जूस क्यों है फायदेमंद?
टमाटर में विटामिन-सी, बायोलॉजिकल सोडियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम और सल्फर उच्च मात्रा में होता है जो कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद करता है। टमाटर के जूस में मौजूद पोषक तत्व कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है। साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, इस जूस को सेवन करने से किसी भी प्रकार का इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा टमाटर के जूस में मौजूद केमिकल मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव को कम करता है।
बल्ड-प्रेशर को करे कंट्रोल
फूड साइंस एंड न्यूट्रीशन’ के एक शोध से पता चला है कि लगभग 184 पुरूषों और 297 महिलाओं को बिना नमक वाला टमाटर का जूस दिया गया है। इस अध्ययन के अंत में हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित 94 प्रतिभागियों के ब्लड प्रेशर में गिरावट हुई। उनका ब्लड प्रेशर 141.2/83 से घटकर 137.0/80.0 पर आ गया। जापान की टोकियो मेडिकल एंड डेंटल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर से इस बात का पता चला कि हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित 125 पार्टिसिपेंट्स का कोलेस्ट्रॉल लेवल 155.0 मिलीग्राम से कम होकर 149.0 मिलीग्राम हो गया।
दुबले-पतले बच्चों के लिए फायदेमंद
बच्चों के रोज सुबह एक टमाटर या फिर टमाटर का रस निकालकर अवश्य खिलाएं।अगर बच्चे को सूखा रोग यानि जो बच्चे खाने-पीने के बावजूद दुबले-पतले रह जाते हैं, उन बच्चों को प्रतिदिन एक गिलास टमाटर का जूस पिलाने से सूखे रोग जैसी बीमारी में आराम मिलता है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है।
पथरी के पेशेंट रहें सावधान
जिन लोगों को किडनी या पित्ते में पथरी की परेशानी है, उन्हें टमाटर का जूस नहीं पीना चाहिए। टमाटर के बीज काफी हद तक सख्त होते हैं, जो बहुत जल्द हमारी बॉडी में बिना पिसे ही पड़े रहते हैं। पथरी आमतौर पर तब होती है जब किडनी में ऑक्जलेट और कैल्शियम जैसे कई तत्व जमा होते-होते एक ठोस कंकड़ जैसे हो जाते हैं। टमाटर में भी ऑक्जालेट मौजूद होता है, लेकिन उसकी मात्रा सीमित होती है। हां अगर आप टमाटर के शौकीन हैं और बहुत ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो इसके बीजों को निकालकर इसका प्रयोग करें। आप चाहें तो बीज निकले हुए टमाटरों के जूस का भी सेवन कर सकते हैं।
टमाटर के अन्य फायदे…
-टमाटर का जूस ग्लोइंग स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
-टमाटर में मौजूद विटमिन और कैल्शियम हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।टमाटर पाचन शक्ति को बेहतर करता है और पेट से -जुड़ी समस्या जैसे अपच, कब्ज़, दस्त जैसी स्थिति को कम करता है।
-मोटापा घटाने के लिए भी टमाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रतिदिन एक से दो गिलास टमाटर का जूस पीने से वजन घटता है।
-गठिया के रोग में भी टमाटर बहुत फायदेमंद है। प्रतिदिन टमाटर के जूस में अजवायन मिलाकर खाने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
-टमाटर का जूस विटामिन सी की मात्रा से भरपूर होता है, जो गभर्वती महिला के लिए काफी अच्छा होता है।
-अगर पेट में कीड़े हो जाएं तो सुबह खाली पेट टमाटर में काली मिर्च मिलाकर खाने से फायदा होता है।
-टमाटर के नियमित सेवन से डायबिटीज में फायदा होता है।इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है।
बालपन
पहली बार बच्चों को ब्रश करवा रहें है तो रखें इन 9 बातों का ध्यान
छोटे बच्चों की देखभाल के साथ साथ उनकी साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी होता है, क्योंकि बच्चों को नहीं पता होता है कि उन्हें किस तरह से अपनी हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। नई मांओं के मन में हमेशा इस बात को लेकर सवाल रहते है कि किस तरह से हमें ब्रश करना चाहिए, उन्हें ब्रश करवाने का सही तरीका क्या हैं। जिस तरह से हर बच्चे का बड़ा होने का समय अलग अलग होता है उसी तरह से उनके दांत भी अलग अलग समय पर निकलते हैं।
विशेषज्ञों की माने तो जैसे ही बच्चों के दांत निकलते हैं बच्चों का ब्रश करवाना शुरु कर देना चाहिए, क्योंकि पहले दांत से ही सड़न की समस्या शुरु हो सकती हैं। इससे पहले उंगली की मदद से उन्हें ब्रश करवाएं, मुंह को साफ करें। जब एक बार बच्चों के लिए ब्रश का इस्तेमाल करना शुरु कर देते है तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे की बच्चों को ब्रश करने की आदत तो पड़ेगी साथ ही उनके दांत भी सुरक्षित रहेंगे।
- मां व पिता दोनों में से एक हमेशा उनके साथ ब्रश करें। इसे एक गेम की तरह बना कर एक बार आप एक बार उसे ब्रश करने को कहें।
- जब एक बार बच्चे को टूथ ब्रश पकड़ना आ जाए फिर उसे मुंह के अंदर व बाहर दातों पर अच्छे से ब्रश करना सीखाएं।
- बच्चों के लिए सिपंल ब्रश की जगह मार्किट में मिलने वाले अलग अलग चरित्र व आकर्षित देखने वाले ब्रश लें।
- बच्चों को ब्रश देने से पहले जांच ले कि वह आगे सी तीखा न हो, सॉफ्ट हो ताकि बच्चों को मसूड़ों में न लगे।
- बच्चों को शीशे के सामने ब्रेश करने को कहे, ताकि वह देख सकें की किस तरह से ब्रश किया जा रहा है। इसके साथ ही हल्के म्यूजिक को लगा दें, ताकि वह इस चीज को एंजॉय करते हुए ब्रश कर सकें।
- हर तीन महीनें के बाद बच्चों का ब्रश बदल देना चाहिए, इससे दांत व मुंह में कीटाणु नहीं फैलते हैं।
- अगर बच्चा ब्रश का इस्तेमाल नहीं कर रहा है तो बच्चे का मुंह खोल कर सूती कपड़े को गुनगुने पानी में भिगोकर उसके मसूढ़े व जीभ को साफ कर दें। लेकिन इसे ध्यान से करें कहीं उसके मुंह में न लग जाएं।
- मार्किट में बच्चो के लिए स्पेशल टूथपेस्ट उपलब्ध रहती है, उसी का प्रयोग करें। क्योंकि वह फ्लोराईड मुक्त होती हैं।
- कुछ खाने के बाद बच्चें को मुंह साफ करने की आदत जरुर डालें।