द ब्लाट न्यूज़ । ब्रिटेन की एक अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक ऋण घोटाले के मामले में करीब दो अरब डॉलर के धनशोधन और धोखाधड़ी के आरोपों में भारत में वांछित नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में मंगलवार को सुनवाई शुरू की।
हीरा कारोबारी नीरव मोदी (51) ने उसके प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ पिछले साल मानसिक सेहत के आधार पर अपील दाखिल की थी।
न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय में एक प्रारंभिक सुनवाई की थी। इसमें इस बारे में विचार हुआ था कि क्या प्रत्यर्पण के पक्ष में जिला न्यायाधीश सैम गूजी की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की फरवरी 2021 की व्यवस्था गलत है।
इस सप्ताह की सुनवाई उस अपील पर सुनवाई के अगले हिस्से के तौर पर हो रही है जिस पर जल्द फैसला आ सकता है। अगर नीरव मोदी की अपील उच्च न्यायालय में स्वीकार कर ली जाती है तो उसे तब तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, जब तक भारत सरकार सार्वजनिक महत्व के कानून के बिंदु पर उच्चतम न्यायालय में अपील की अनुमति पाने में सफल नहीं होती।
मामले से जुड़े अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार ने उन परिस्थितियों के बारे में आश्वासन दिया है जिनमें नीरव को भारत में आत्मसमर्पण करने पर हिरासत में लिया जाएगा और उसकी ‘‘शारीरिक तथा मानसिक सेहत’ की देखभाल के लिए क्या सुविधाएं होंगी।
अब दोनों पक्ष इस बारे में दलीलें रखेंगे कि क्या ये आश्वासन पर्याप्त हैं और इन्हें माना जा सकता है।
दिसंबर की अपील पर सुनवाई के दौरान नीरव की ओर से एडवर्ड फिजगेराल्ड क्यूसी ने दलील दी थी, ‘‘उनके पहले ही आत्महत्या की कोशिश करने की आशंका है और मुंबई में उनकी हालत और बिगड़ सकती है।’’
इस बीच नीरव मोदी दक्षिण-पश्चिम लंदन में वैंड्सवर्थ अदालत में सलाखों के पीछे ही रहा। उसे मार्च 2019 में गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में है।
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