द ब्लाट न्यूज़ । राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने इंडियाबुल्स रियल एस्टेट को 6.46 करोड़ रुपये से अधिक के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ घर खरीदारों को नहीं देने का दोषी पाया है।
एनएए ने पाया की जीएसटी लागू होने के बाद कीमतों में हुई कमी का लाभ घर खरीदारों को नहीं दिया गया।
एक घर खरीदार द्वारा दायर याचिका पर मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) ने मामले की जांच की और बिल्डर को मुनाफाखोरी का दोषी पाया।
घर खरीदार ने आरोप लगाया था कि इंडियाबुल्स रियल एस्टेट ने विशाखापत्तनम में स्थित सिएरा-विजाग परियोजना में आईटीसी लाभ नहीं दिया।
एनएए ने 24 जून के अपने आदेश में कहा कि उक्त धनराशि 18 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ घर खरीदारों को वापस की जाए।
मुनाफाखोरी की रकम तीन महीने के भीतर घर खरीदारों को देनी होगी।
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