भूमाफियाओं को एन्टी भू माफिया कानून का खौफ नही

 

उत्तर प्रदेश में सूबे की सरकार बदली और नए सरकार के मुखिया के तौर पर योगी का शपथ ग्रहण हुआ पूर्व की सरकारों में हुए जवाहर बाग जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए ,योगी सरकार ने 1 मई 2017 को एंटी भू माफिया कानून लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया तथा राजस्व परिषद ने 8 मई 2017 को उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को परिषद का आदेश भेज कर एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन का आदेश दे दिया एंटी भू माफिया कानून को लाकर जहां योगी सरकार ने आम जनमानस में शासन प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा किया वही सरकारी व गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे धारियों में भय का माहौल व्याप्त किया
एंटी भू माफिया टास्क फोर्स के गठन में जहां राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में मुख्य सचिव को रखा गया वही मंडल स्तर आयुक्त तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी व तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी को अध्यक्ष को नामित किया गया साथ ही साथ प्रत्येक टीम के अध्यक्ष के साथ-साथ सदस्य भी नामित किए गए जिससे भू माफियाओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कर जमीनों पर से अवैध कब्जे को हटाकर आम जनमानस में विश्वास पैदा किया जा सके ऐसी सरकार की योजना थी लेकिन हालिया हालात इससे जनपद कुशीनगर में इससे बिलकुल विपरीत है प्रकरण जनपद कुशीनगर के तहसील पडरौना के अंतर्गत ग्राम गोपालपुर की है जहां पर सीलिंग भूमि गाटा संख्या 134 नया नं-48 है जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 40 करोड़ बताई जा रही है जो बाग की भूमि है और लगभग 400 आम के हरे पेड़ लगे हुए हैं जमीन को भू माफियाओं ने पेपरों में हेराफेरी कर पहले अपने नाम किया और जब हाईकोर्ट ने उनका नाम निरस्त कर दिया उसके बाद भी भूमि पर भू माफियाओं ने प्लाटिंग का कार्य शुरू कर दिया और महंगे दामों पर सीलिंग की भूमि को बेचना शुरू कर दिया ग्रामीणों के बार-बार विरोध करने के साथी उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी भू माफिया धड़ल्ले से सीलिंग की जमीन को बेची नहीं रहे हैं बल्कि 2 दर्जन से अधिक लोगों को सरकारी सीलिंग की जमीन पर कब जा भी दे दिया है गांव के ही सैयद अंसारी ने बातचीत के दौरान बताया की सरकार की तरफ से जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर क्रमशः दो अपील संख्या C-2015050000665 एवं C-202105000000665 जिला शासकीय अधिवक्ता के द्वारा आयुक्त न्यायालय गोरखपुर में दाखिल है जो वर्तमान में विचाराधीन भी है उसके बाद भी भू माफिया धड़ल्ले से जमीन को महंगे दामों पर बेच रहे हैं सैयद अंसारी का साफ तौर पर कहना है कि इसमें राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी सम्मिलित हैं इसीलिए प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है और उन्होंने यह भी बताया कि राजस्व परिषद अध्यक्ष को पत्र लिखकर सीलिंग भूमि बचाने का आग्रह किया है लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते भू माफियाओं के हौसले बुलंद है और ग्रामीणों में रोष व्याप्त है अब देखने वाली बात यह होगी एक तरफ जहां सुबह के मुख्यमंत्री तमाम तरह के नए नए कानून लाकर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं वही इस पूरे प्रकरण में सम्मिलित राजस्व कर्मचारियों के विरुद्ध शासन और प्रशासन क्या कार्यवाही करता है

बाइट -मुर्तुजा अंसारी पूर्व प्रधान गोपालपुर ग्राम गोपालपुर के पूर्व प्रधान मुर्तुजा अंसारी ने बताया की तमाम अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी अभी ना तो अवैध कब्जा हटाया गया और ना ही कब्जाधारियों पर कोई कार्यवाही की गई उन्होंने चेतावनी देते हुए कहां की अगर प्रशासन 10 दिन के अंदर अवैध कब्जाधारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है तो ग्रामीणों द्वारा पैदल मार्च तथा आंदोलन का रुख अख्तियार किया जाएगा साथ ही साथ उन्होंने योगी आदित्यनाथ के सरकार व स्थानीय प्रशासन पर भरोसा जताते हुए बताया कि जिलाधिकारी एस रामलिंगम बहुत ईमानदार अधिकारी हैं लेकिन उनके अधीनस्थ अधिकारी उनको गलत आख्या प्रस्तुत करते हैं उनको मौके पर आकर एक बार मुआयना करना चाहिए

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