द ब्लाट न्यूज़ । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों से सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की जांच एसआईटी से कराने की मांग वाली अर्जी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्णय मुख्य न्यायाधीश करेंगे। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ से मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
अवकाश के दौरान मामलों को सूचीबद्ध करने की व्यवस्था का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि यह मामला मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जााएगा। वह इस पर फैसला करेंगे। याचिका में केंद्र और यूपी, तेलंगाना, बिहार, हरियाणा एवं राजस्थान की सरकारों को हिंसक प्रदर्शनों पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। तिवारी ने याचिका में ‘अग्निपथ’ योजना और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सेना पर इसके प्रभाव की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
पहले भी दायर की गई याचिका
अग्निपथ योजना को लेकर तीन याचिकाएं दायर की गई है। तीनों याचिकाएं तीन वकीलों ने दाखिल की हैं। पहली दो याचिकाएं एडवोकेट विशाल तिवारी और एमएल शर्मा ने दायर की थी। सोमवार को एडवोकेट हर्ष अजय सिंह ने भी एक याचिका देकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की गुजरिश की।
केंद्र ने कैविएट दायर की : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है। कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आदेश पारित किए जाने से पहले केंद्र का पक्ष भी सुना जाए।