आयुर्वेद (Brahmi ) जगत की स्मरण-शक्ति वर्धक औषधियों में ब्राह्मी (Brahmi ) भी शामिल है। इसी को ब्राह्मी बूंटी भी कहा जाता है। वहीं इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे-सफेद चमनी, सौम्यलता, नीरब्राह्मी, जलब्राह्मी और जलनेवरी आदि। इसी के साथ इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है। आपको बता दें कि ब्राह्मी बुद्धि वर्धक होने के साथ ही पित्त का शमन करने वाली, शीतलता प्रदान करने वाली, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने वाली, कफ रोग में लाभकारी, रक्तशुद्धि करने में मददगार, चर्म रोगों में लाभदायक और हृदय की दुर्बलता में उपयोगी है। अब हम आपको बताते हैं इसके सेवन के फायदे।
– उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में इसका रस और शहद का सेवन हितकर है।
– स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए ब्राह्मी का चूर्ण, काली मिर्च, बादाम गिरी का मिश्रण सबेरे-शाम सेवन करना चाहिए।
– शरीर में दाह महसूस हो तो इसका चूर्ण और धनिया रात को पानी में भिगो दें। सुबह के समय शौचादि से निवृत्त होकर इस मिश्रण को खूब मथ कर छान कर पिएं।
– मूत्ररोग, पेशाब का रुक-रुक कर आना, पेशाब में जलन होना आदि में इसके रस में मिश्री मिला कर पीना हितकर है।
– नींद सही ढंग से नहीं आती हो तो इसका चूर्ण गाय के दूध के साथ सेवन करना लाभदायक होता है।
– गंजेपन और बाल झड़ने से परेशान लोगों को इसके चूर्ण का सेवन एक महीने तक नियमित करना चाहिए, लाभ होगा।
नोट- अगर आप ब्राह्मी का सेवन करने जा रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।