बदायूं। यूपी में पंचायत चुनाव में जिले में कुछ पदों के लिये आरक्षण तय किया जा रहा है। गाइड लाइन के अनुसार ही सीटों को आरक्षित किया जा रहा है। इसको लेकर सेटिंग करने वालों की लाइन ब्लाकों पर लगना शुरू हो गयी। इस बार सेटिंग के जगह नियमों से काम करना होगा। शासन ने इस बार दोहरा काम किया। पहली फाइल का डाटा अपने पास सुरक्षित कर लिया। आरक्षण में नेता जी की सिफारिश पर गड़बड़ी की तो फंसना तय है। फंसे तो निलंबन तय, इस बात के आदेश पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को दिये जा चुके हैं।
बदायूं की 1,037 ग्राम पंचायतों में इस बार चुनाव कराया जायेगा। पंचायत चुनाव के लिये प्रशासन रफ्तार से प्रक्रिया को पूरा करने में लगा है। प्रशिक्षण के बाद आरक्षण का काम शुरू किया गया है इसके बाद आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित की जायेगी। नेताओं की इच्छा है संबधित गांव में संबंधित कार्यकर्ता के हिसाब पर ही आरक्षण आये। इन बातों में ब्लाक के अफसर आ गये तो निलंबन तय है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने साफ कर दिया शासन के पास भी हर गांव का डाटा है। जिला स्तर पर गड़बड़ी की तो नौकरी खतरे में पड़ जायेगी।
डॉ. सरनजीत सिंह कौर, जिला पंचायत राज अधिकारी का कहना है कि जिला एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को आरक्षण को लेकर प्रशिक्षण दे दिया गया है। बीडीओ ने गोपनीय तरीके से आरक्षण बनाना शुरू भी किया है। आरक्षण बनाने वाले अधिकारी इस बात को सावधान रहें लोकल स्तर पर किसी भी गांव का डाटा एवं सीट में गड़बड़ी न करें गांव के जातीय आंकड़े भी न बिगाड़ें। शासन स्तर पर भी ऑनलाइन हर गांव का डाटा फीड़ है, ऐसा करने वालों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।