द ब्लाट न्यूज़ । अधिवक्ता की पुत्री से छेड़छाड़ को लेकर दो पक्षो में मंगलवार को जमकर संघर्ष हुआ। पत्थर लगने से महिला अधिवक्ता सहित कई लोग घायल हो गए। घटना की सूचना पाकर भारी पुलिस बल मोके पर पहुंच गया है।
अधिवक्ता श्री कृष्ण मूलनिवासी नगला चंपत थाना मेरापुर हाल निवासी मोहल्ला चिलाका कायमगंज ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि वह तहसील परिसर स्थित अपने चेंबर में मौजूद था। उसी समय जिस मकान में वह किराए पर रह रहा है। मकान मालिक प्रसून पुत्र राजीव कुमार ने आकर उसे बताया कि अभी समय लगभग 1:30 बजे उसकी बेटी ऊपर छत वाले कमरे में सो रही थी। उसी समय मोहल्ले के दबंग सुनील के मनचले बेटे विकास ने पड़ोसी तेजू के मकान से होते हुए घर में प्रवेश किया और छत पर सो रही उसकी बेटी का मुंह दबा लिया। गलत नीयत से आए विकास की बेजा हरकतों से लड़की की चीख पुकार सुनकर मैं ऊपर गया। तो मुझे आता देखकर विकास वहां से भाग गया।
अधिवक्ता का कहना है कि सूचना मिलते ही वह अपने जूनियर अधिवक्ता कुमारी विनीता के साथ वहां पहुंचा और स्थित को देखकर विकास को फटकारा। इसी बात पर विकास अपने पिता सुनील कुमार पुत्र रामसेवक तथा भाई आकाश एवं पड़ोसी तेजू व आशीष पुत्र राधेश्याम आदि के साथ ईटे ब सिलेंडर फेंक कर हमलावर हो गया।
साथ ही इन लोगों ने धारदार हथियार चाकू से प्रहार करके मेरे ब मेरी जूनियर अधिवक्ता कुमारी विनीता के सिर आदि मैं घातक प्रहार किए। इन लोगों ने हमला करके दांत भी तोड़ दिया। इसके अलावा अन्य अंदरूनी चोटें भी आई है। अधिवक्ता ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही के साथ ही घायल सहायक अधिवक्ता का डॉक्टरी परीक्षण कराने की मांग की।
आरोपियों को छोड़ने की उड़ी अफवाह
इस गंभीर प्रकरण में पुलिस द्वारा आरोपी विकास को हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंचाया गया। वहीं उसके दबंग पिता सुनील को पूछताछ के लिए कस्बा पुलिस चौकी लाया गया था। उसी समय किसी ने यह अफवाह फैला दी की राजनैतिक सोर्स तथा अन्य तरह की पहल के चलते पुलिस सुनील को कुछ ही देर बाद बिना पूछताछ के ही लिए छोड़ देगी। जिसे सुनते ही अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। उनका आक्रोश उस समय और बढ़ गया, जब अधिवक्ताओं ने बुरी तरह से घायल लहूलुहान अपने साथी अधिवक्ता कुमारी विनीता को देखा। स्थिति का पता लगाने अधिवक्ता कस्बा पुलिस चौकी पहुंच गए। जहां उनकी आरोपी सुनील से नोकझोंक होने लगी। इस पर अधिवक्ताओं का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने चौकी से बाहर निकलते समय गेट से आरोपी सुनील को खींच कर जमकर पीट दिया। किसी तरह पुलिस ने अधिवक्ताओं से सुनील को बचाकर फिर एक बार अपनी अभिरक्षा में ले लिया।
शांति बनाने को अन्य थानों की पहुंची पुलिस फोर्स
जिला मुख्यालय पर किसी बैठक अथवा अन्य कार्य होने के कारण पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं प्रभारी निरीक्षक तथा कस्बा चौकी इंचार्ज कायमगंज में मौजूद नहीं थे। घटना की सूचना मिलते ही उच्च अधिकारियों के निर्देश पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पड़ोसी थानों की पुलिस भी बुला ली गई। इस तरह किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए तहसील गेट से लेकर अस्पताल तक बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। इसके तुरंत बाद सुनील की पत्नी सुमेरा देवी द्वारा एक तहरीर प्रस्तुत की गई। जिसमें उसने अपने पड़ोस के प्रसून के घर में रह रही दो लड़कियों जिनका नाम सुमेरा को ज्ञात नहीं था। इन पर उसने आरोप लगाया कि यह लड़कियां उस पर उसका घर जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहती है। बेचने का दबाव बनाते हैं। आज जब उसने मना किया तो दोनों लड़कियों तथा उनके साथ आए अज्ञात लोगों ने मेरे घर का मेन गेट तोड़कर अंदर प्रवेश किया तथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां देने लगे।
विरोध करने पर इन लोगों ने उसके पति को लाठी-डंडों तथा लात घूसों से मारा पीटा। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घायल अधिवक्ता कुमारी विनीता तथा सुनील कुमार को चिकित्सीय परीक्षण तथा उपचार के लिए पड़ोस में स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां से महिला अधिवक्ता कुमारी विनीता एवं श्रीकृष्ण का प्रथम उपचार तथा परीक्षण हो जाने के बाद दोनों को कोतवाली बुला लिया गया। जबकि समाचार लिखे जाने तक काफी गहमागहमी एवं तनावपूर्ण स्थिति के बीच सुनील कुमार का डॉक्टरी परीक्षण एवं उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही जारी था।
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