खानपान की वस्तुओं की आनलाइन डिलिवरी सेवाएं देने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। डिलिवरी में देरी, खुली पैकिंग, गलत वस्तु, निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली, गिफ्ट देने की वादाखिलाफी समेत भुगतान संबंधी शिकायतों की झड़ी को लेकर सरकार ने सख्त नाराजगी जताई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने इन कंपनियों से अपनी उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र में सुधार के लिए एक पखवाड़े का वक्त दिया है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने आनलाइन खाने की वस्तुएं पहुंचाने वाली कंपनियों की बैठक बुलाकर फटकार लगाई है। बैठक में उनके खिलाफ दर्ज कराई गई हजारों की शिकायतों का पुलिंदा दिखाया गया। ये शिकायतें राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर इनकी सेवाओं से आजिज आकर उपभोक्ताओं ने दर्ज कराई हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ई-कामर्स फूड बिजनेस आपरेटर्स की बैठक बुलाई थी। पिछले कुछ महीनों के भीतर 3631 शिकायतें स्विगी के खिलाफ और 2828 शिकायतें जोमैटो के विरुद्ध दर्ज कराई गई हैं। इनमें सर्वाधिक शिकायतें 1300 से ज्यादा डिलिवरी में गड़बड़ी करने पर लिखाई गई हैं।
ज्यादा मूल्य वसूलना आम समस्या रही
उपभोक्ताओं की ओर से ‘मंगाया कुछ और पहुंचाया कुछ’ वाली शिकायतें कम नहीं है। साथ ही उपभोक्ता को दिए जाने वाले बिल में डिलिवरी, पैकिंग, टैक्सेज के साथ निर्धारित मूल्य से अधिक दाम लगाया जाना आम रहा है। खाने की मात्र का घट जाना सामान्य बात कहकर टाल दिया जाता है। इन सारी बातों की शिकायत अथवा विरोध दर्ज कराने पर उपभोक्ता के मोबाइल और ईमेल को ब्लाक अथवा सर्विस रोक देना भी शामिल है। मंत्रलय के एक अफसर ने कहा कि पहले चोरी फिर सीनाजोरी, ऐसा नहीं चलेगा। इस तरह की हरकतों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाए और उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए उचित फोरम का उल्लेख होना चाहिए।
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