पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर किया सील, जिगोलो की नौकरी दिलाने का देते थे झांसा

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली पुलिस ने एक कॉल सेंटर को सील किया है और इसके संचालक को ठगी के मामले में गिरफ्तार किया है। यह कॉल सेंटर लोगों को इंडियन जिगोलो (पुरुष वेश्यावृत्ति) की नौकरी देने का झांसा देता था। यह फर्जी कॉल सेंटर यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां और स्प्रे बेचने के लिए चल रहा था और इस ठगी की आड़ में लोगों को जिगोलो सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित करता था।

बाहरी उत्तरी जिला की साइबर थाना पुलिस ने कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालक अमन विहार के मेहताब को गिरफ्तार कर कॉल करने में इस्तेमाल 12 फोन (कुंजी पैड फोन) एक एंड्रॉइड फोन, नोट बुक और पांच लाख 67 हजार सात सौ चालीस रुपये बरामद किये हैं। पुलिस ने आरोपित का पेटीएम खाता भी सील कर दिया है।

डीसीपी बृजेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि अभी तक पचास से ज्यादा लोग कॉल सेंटर का ठगी का शिकार बन चुके थे। पिछले साल जुलाई महीने से कॉल सेंटर चल रहा था। पीड़ितों को ठगने के बाद वे उनके नंबरों को ब्लैकलिस्ट कर देते थे। साइबर थाना पुलिस को समयपुर बादली में रहने वाले एक सुमित नामक युवक से ठगी होने की शिकायत मिली थी। सुमित ने आरोप लगाया कि उनके साथ 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी की गई है। जिसमें उन्हें कॉल बॉय/जिगोलो की नौकरी की पेशकश की गई थी। जालसाज ने जिगोलो, बुकिंग व एडवांस आदि के नाम पर रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी की।

एसीपी रिछपाल सिंह की देखरेख में पुलिस टीम को आरोपितों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस ने शिकायतकर्ता से कॉलर का फोन नंबर और खाते में जमा करवाए पैसों की डिटेल ली। खाते को ट्रैक किया गया और तकनीकी निगरानी के साथ-साथ साइबर ट्रेसिंग शुरू की गई। तकनीकी निगरानी और ट्रेसिंग के आधार पर लोकेशन सेक्टर-1 अवंतिका, रोहिणी, की पहचान कर छापेमारी की गई।

आरोपित महताब से पता चला कि कॉल सेंटर में आठ लड़कियां जो हिंदी और अग्रेजी अच्छी तरह से जानती थी। उनको रखा हुआ था। इन युवतियों को जानबूझकर कॉल करने और जस्ट डायल और पोर्न वेबसाइटों पर विज्ञापन देने के लिए भी नियुक्त किया।

युवतियां पीडि़त से फोन कॉल करके यौन शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ दवा लेने के लिए कहती थीं। यदि कोई दावा करता है कि उसकी जीवन शक्ति और शक्ति महान है और उन्हें ऐसी किसी भी दवा की आवश्यकता नहीं है, तो तुरंत लड़कियां उन्हें जिगोलो सेवा में शामिल होने के लिए कहती थीं। अगर पीड़ित मान जाता था तो उससे पंजीकरण, बुकिंग आदी के नाम पर हजारों रुपये ठग लिया करती थी।

फर्जी कॉल सेंटर बेहद गुपचुप तरीके से चल रहा था। कॉल करने वाली महिलाएँ एक दिन में लगभग 5 सौ नंबरों पर रैंडम नंबर पर कॉल करती थीं, जिसमें 50-100 कॉल हो जाती हैं। हर रोज वे 10 से 20 लोगों को जिगोलो बनने के लिए राजी करते थे। मेहताब डीयू से स्नातक है। पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी और खुद को यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी में लगा लिया और कुछ कॉल सेंटरों में काम किया।

 

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