द ब्लाट न्यूज़ । राष्ट्रीय टीम के पूर्व ‘हाई परफोरमेन्स’ निदेशक डेविड जॉन ने शुक्रवार को यहां कहा कि यदि भारत को हॉकी में फिर से महाशक्ति बनना है तो खिलाड़ियों को हवा में खेलने के अपने कौशल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें प्रतिद्वंद्वी टीम की ‘डी’ में रक्षकों के करीब जाने से भी बचना चाहिए।
पुरुष हॉकी में आठ बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारत के लिये पिछले चार दशक निराशाजनक रहे लेकिन तोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीतकर उसने कुछ हद तक खोयी प्रतिष्ठा हासिल की। पुरुष टीम ने जहां 41 साल के लंबे अंतराल के बाद पदक जीता, वहीं महिला टीम चौथे स्थान पर रही जो ओलंपिक में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
जॉन ने यहां खेलो इंडिया युवा खेलों से इतर कहा, ‘‘अपने विरोधियों को ‘ड्रिबल’ करते हुए पीछे छोड़ने की कोशिश न करें। वर्तमान समय की हॉकी ‘डी’ में रणनीतिक खेल और हवा में खेलने के कौशल से जुड़ी है। सौभाग्य से इन युवाओं ने इन सभी कौशल को आत्मसात कर लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ी तेजतर्रार और आक्रमण करने में माहिर हैं, लेकिन वे प्रतिद्वंद्वी टीम की ‘डी’ में जाकर गेंद पर नियंत्रण खो देते हैं क्योंकि वे रक्षकों के बहुत करीब दौड़ते हैं। इससे दूसरी टीम को जवाबी हमला करने का मौका भी मिल जाता है।’’
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