भारतीय रिजर्व ऑफ इंडिया (RBI) ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में ऑटो डेबिट (Auto Debit) करने वाले यूजर्स को बड़ा तोहफा दिया है। आरबीआई (RBI) की तरफ से ऑटो डेबिट यानी रेकरिंग पेमेंट की लिमिट को 5000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया है। बता दें कि 1 जनवरी 2021 से पहले रेकरिंग पेमेंट की लिमिट 2000 रुपये हुआ करती थी। लेकिन ऑटो पेमेंट के बढ़ते चलन की वजह से आरबीआई ने इसकी लिमिट को बढ़ाकर 15000 रुपये कर दिया है।
क्या है रेकरिंग पेमेंट?
सबसे पहले सवाल उठता है कि आखिर रेकरिंग पेमेंट क्या होता है? तो बता दें कि रेकरिंग पेमेंट खुद-ब-खुद होने वाला पेमेंट है। ऑटो पेमेंट के लिए सिंगल बार ओटीपी दर्ज करना होता है। इसके बाद हर माह खुद-ब-खुद पेमेंट हो जाएगा। आरबीआई ने ऑटो डेबिट को लेकर पहली बार 1 अक्टूबर 2021 को नियम लागू किया गया था। इमसें ऑटो डेबिड वाले दिन में बैंको को ग्राहक को 24 घंटे पहले मैसेज भेजना जरूरी होता है।
कहां इस्तेमाल होता है रेकिंग पेमेंट का इस्तेमाल
रेकरिंग यानी ऑटो पेमेंट का इस्तेमाल हर माह की फिक्स्ड सर्विसेस के लिए होता है। जैसे बिजली के बिल, ओटोटी प्लेटफॉर्म जैसे Netflix, Amazon Prime जैसे पेमेंट के लिए रेकरिंग पेमेंट का इस्तेमाल होता है। इस सभी सर्विसेस का बिना ओटीपी के अपने-अपने निश्चित तारीख पर डेबिट हो जाता है।
भारत में बढ़ रहा ऑटो डेबिड का चलन
RBI के मुताबिक ज्यादातर बैंक ऑटो डेबिट की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। ऑटो डेबिड ट्रांजैक्शन की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। मौजूदा वक्त में 6.25 करोड़ से ज्यादा लेनदेन इस सुविधा के तहत हुए हैहं। इसमें 3,400 इंटरनेशनल मर्चेंट शामिल हैं। ऐसे में आरबीई की तरफ से ऑटो पेमेंट की लिमिट में बढोतरी का ऐलान किया गया है।
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