द ब्लाट न्यूज़ । उच्चतम न्यायालय ने अनावश्यक रूप से एसएलपी दायर करने पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला बंबई उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत आया था। याचिका पर बहस शुरू होने से पहले ही अदालत ने कह दिया था कि इस मामले में कुछ नहीं है और उच्च न्यायालय का फैसला कानूनी बिंदुओं पर बिल्कुल सही है। मगर, संबंधित मामले से जुड़े वकील नहीं माने और बहस करने लगे। अवकाशकालीन पीठ ने बहस सुनने के बाद दोनों याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। पीठ ने कहा कि याचिका विलासिता का नमूना है और ऐसी याचिकाओं को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता। जुर्माने में से एक लाख रुपये उच्चतम न्यायालय की बार को और एक लाख रुपये एओआर एसोसिएशन को दिया जाएगा।