मस्जिद में नमाज रोकने के खिलाफ याचिका की सुनवाई…

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने से रोके जाने के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंधन समिति की एक याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी और न्यायमूर्ति पूनम ए बाम्बा की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस याचिका का उल्लेख किया गया। हालांकि, पीठ ने कहा कि इस विषय में कोई तात्कालिकता नहीं है।

अधिवक्ता एम सूफियान सिद्दिकी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंधन समिति की ओर से याचिका का उल्लेख किया, जो कुतुब परिसर के अंदर लेकिन ‘कुतुब इनक्लोजर’ के बाहर स्थित मुगल मस्जिद के बारे में है। अधिवक्ता ने कहा कि यह विवादित कुवत्तुल इस्लाम मस्जिद नहीं है और यह गजट अधिसूचित वक्फ संपत्ति है जिसका उपयुक्त रूप से एक इमाम और मोआजिन नियुक्त है।

अधिवक्ता ने अदालत में दलील दी कि नमाज मस्जिद में नियमित रूप से अदा की जाती थी और नमाज के लिए इसे कभी बंद नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमाने तरीके से 13 मई 2022 को नमाज पर पूरी तरह से रोक लगा दी तथा कोई नोटिस या आदेश जारी किये बगैर ऐसा किया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, तीन जून को भी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अदालत में उल्लेख किया गया था लेकिन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने इससे इनकार कर दिया।

 

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