अम्बेडकर नगर। प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रही है, लेकिन निचले स्तर पर इसकी धमक अभी तक देखने को नहीं मिल रही। भ्रष्टाचार के ही मामले के अकबरपुर के तहसीलदार गिरिवर सिंह बर्खास्त किये जा चुके हैं, लेकिन फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा।
अकबरपुर तहसील व भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। राजस्व कर्मियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के मामले आए दिन सामने आते जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी इस पर लगाम लगाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।
बीते 6 माह में अकबरपुर तहसील के लगभग आधा दर्जन कर्मचारी भ्रष्टाचार में निलम्बन की मार झेल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक और लेखपाल अखिलेश सिंह जमीन की पैमाइश के लिए सुविधा शुल्क लेते हुए वीडियो में सामने आए। मामला सोशल मीडिया पर उजागर होने के बाद भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है।
वहीं दूसरी तरफ तहसील में लगभग दर्जनभर बाहरी कर्मचारियों द्वारा रोजाना काम किया जाता है। अधिकारियों के साथ रहकर यह बाहरी लोग बिना वेतन के कैसे काम कर रहे हैं यह स्वयं में ही एक सवाल है। जाहिर सी बात है कि बिना वेतन के काम करने वाले यह लोग भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दे रहे हैं।
तहसील का शायद ही ऐसा कोई कार्यालय हो जहां बाहरी लोगों की मौजूदगी देखने को ना मिल जाती हो। सब कुछ जानते हुए भी अधिकारियों ने चुप्पी साध रखना ही बेहतर समझा है। कारण कि यही बाहरी लोग ही उनके कमाऊ पूत साबित होते रहते हैं। यहां भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी है कि तहसीलदार तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। देखना यह है कि अकबरपुर तहसील कब तक भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान बनाती रहेगी।