सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी…

द ब्लाट न्यूज़ । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित हवाला सौदे से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत उनके आवासीय परिसरों और अन्य स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी सोमवार को दी।

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में जैन के आवासीय परिसरों और अन्य स्थानों पर छापेमारी मामले में आगे की कार्रवाई के तहत की जा रही है। धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत 57 वर्षीय जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें नौ जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। समझा जाता है कि पिछले कुछ दिनों में जैन और कुछ कथित हवाला ऑपरेटरों से पूछताछ के बाद एजेंसी को कुछ नए सबूत और स्त्रोत का पता चला है। अधिकारियों ने कहा कि इन सूचनाओं के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए छापेमारी की गई।

जैन वर्तमान में दिल्ली सरकार में बिना किसी विभाग के मंत्री हैं। जैन के आधा दर्जन से अधिक विभागों को दो जून को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को स्थानांतरित कर दिया गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैन को एक अत्यंत ईमानदार व्यक्ति बताते हुए उनका बचाव किया और कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ईडी की जांच के बाद मंत्री निर्दोष निकलेंगे। ईडी ने अप्रैल में जांच के तहत जैन के परिवार और उनके स्वामित्व एवं नियंत्रण वाली कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।

ईडी ने तब एक बयान में कहा था कि उसने पीएमएलए के तहत अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजित प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया था। जांच में पाया गया कि 2015 और 2016 के दौरान जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, तब उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर को हवाला के जरिए भेजी गई रकम के बदले मुखौटा कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मूल्य की प्रविष्टियां मिलीं। ईडी ने कहा, इन राशियों का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लेकर लिए गए ऋण की अदायगी में किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि कुर्की आदेश में नामित व्यक्ति जैन के सहयोगी और परिवार के सदस्य हैं।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री के खिलाफ धन शोधन का मामला अगस्त 2017 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद आया है। सीबीआई ने दिसंबर 2018 में एक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि 2015-17 के दौरान कथित आय से अधिक संपत्ति का मूल्य 1.47 करोड़ रुपये था, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 217 प्रतिशत अधिक था। आयकर विभाग ने भी इन लेन-देन की जांच की थी और कथित रूप से जैन से जुड़ी ”बेनामी संपत्ति” को कुर्क करने का आदेश जारी किया था।

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