द ब्लाट न्यूज़ । रूस के विमान एयरोफ्लोट को रोकने को लेकर श्रीलंका और रूस के बीच चले रहे राजनयिक विवाद के मध्य प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मास्को को सूचित किया है कि रूसी विमान का मुद्दा दोनों देशों के बीच का नहीं बल्कि घरेलू कानूनी मामला है। मीडिया की एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई।
द्वीपीय देश के विमानन प्राधिकरण द्वारा कोलंबो हवाई अड्डे से इस विमान को उड़ान भरने से रोके जाने के बाद देश के एक वरिष्ठ नेता ने सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों से माफी मांगी है।
हवाई अड्डा एवं विमानन सेवा ने एक बयान में कहा कि विमान को कोलंबो के भंडारनाइके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 191 यात्रियों और चालक दल के 13 सदस्यों को लेकर दो जून को उड़ान भरनी थी,लेकिन कोलंबो के ‘कॉमर्शियल हाई कोर्ट’ के एक आदेश के चलते इसे उड़ान नहीं भरने दी गयी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने समाचारपत्र ‘डेली मिरर’’ को बताया कि विक्रमसिंघे ने इस मुद्दे पर विदेश मामलों के मंत्री से बातचीत की है।
वेबसाइट ‘न्यूज फर्स्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पोत मंत्री निर्मल श्रीपाला डिसिल्वा ने यात्रियों और चालक दल के सदस्यों से माफी मांगी है।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस मुद्दे से श्रीलंका के पर्यटन उद्योग पर भी असर पड़ेगा।
इसबीच श्रीलंका सरकार ने कहा है कि वह मामले के हल के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल कर रही है।
रूसी विमानन कंपनी ने कोलंबो के लिए वाणिज्यिक सेवाएं चार जून से बंद करने का निर्णय लिया। आठ माह से ही उसने ये सेवाएं शरू की थीं।
रूस से आ रही खबरों के अनुसार वहां की सरकार इस मामले पर आक्रोशित है और उसने स्पष्टीकरण के लिए श्रीलंकाई राजदूत को तलब किया है।
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