आज से 38 साल पहले 6 जून 1984 को पंजाब के स्वर्ण मंदिर में सेना का ‘आपरेशन ब्लूस्टार’ खत्म हुआ था। अकाल तख्त हरमंदिर साहिब यानि स्वर्ण मंदिर में हथियारों को जमा कर रहे जरनैल सिंह भिंडरावाला और खालिस्तान समर्थकों को निकालने के लिए सेना ने यह कार्रवाई की थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलीबारी हुई जिससे अकाल तख्त को भारी नुकसान हुआ। इसके कारण पहली बार हरमंदिर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ नहीं हो पाया। 80 के दशक में ‘आपरेशन ब्लूस्टार’ का भारतीय राजनीति पर काफी असर रहा।
1 से 8 जून तक चला था आपरेशन ब्लू स्टार
पंजाब के अमृतसर में साल 1984 में 1 जून और 8 जून के बीच आपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था। इसका मकसद जरनैल सिंह भिंडरावाला (Jarnail Singh Bhindrawale) के साथ स्वर्ण मंदिर के भीतर जमे खालिस्तानी समर्थकों की टीम को पकड़ना था जिसने उस वक्त पंजाब की व्यवस्था को तहस-नहस कर रखा था। हरमंदिर साहिब परिसर (Golden Temple) में हथियारों को जमा कर रहे सिख चरमपंथियों को हटाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैन्य कार्रवाई का फैसला लिया था ताकि पंजाब में कानून और व्यवस्था बहाल हो सके।
क्या है आपरेशन ब्लूस्टार
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर सेना ने खालिस्तानियों पर कार्रवाई की। इसे ‘आपरेशन ब्लू स्टार (साका नीला तारा)’ का कोड दिया गया था। आपरेशन ब्लू स्टार के पीछे का मुख्य कारण भिंडरावाला था जो उस वक्त ‘दमदमी टक्साल’ का जत्थेदार था। भिंडरावाले ने सिख युवाओं को अपने प्रभाव में ले लिया। खालिस्तानी मूवमेंट के खात्मे के लिए ही ‘आपरेशन ब्लू स्टार’ को अंजाम दिया गया था। मेजर जनरल कुलदीप सिंह बराड़ की अगुवाई में यह आपरेशन हुआ था। खालिस्तान मूवमेंट एक राजनीतिक सिख राष्ट्रवादी मूवमेंट थी जिसका मकसद सिखों के लिए स्वतंत्र राज्य बनाना था। इस आपरेशन में तीन सैन्य अधिकारियों समेत 83 सैनिकों ने जान गंवाई थी । वहीं 248 घायल हो गए थे। इसके अलावा कुल 492 लोगों की मौत हुई थी।
स्वर्ण मंदिर के बाहर लग रहे नारे, अमृतसर की बढ़ाई गई सुरक्षा
आज 6 जून का दिन सिखों को अपने जख्म की याद दिलाता है। इसी दिन सेना का आपरेशन ब्लूस्टार खत्म हुआ था। सोमवार को ब्लू स्टार की बरसी पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर एकत्र हुए खालिस्तान समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि वहां पहले से ही पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री मान ने अकाल तख्त के साथ की बैठक
रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की बरसी से पहले स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की। मंदिर के दर्शन करने के बाद मान सीधे जत्थेदार के आवास पर गए। मान के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जत्थेदार के आवास से बाहर आने के बाद मीडिया को मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया।