द ब्लाट न्यूज़ । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आयुर्वेद और योग को किसी मजहब या धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। वह ‘एक देश-एक स्वास्थ्य’ पर आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी डॉक्टर के पास, दो मजहब के लोग जाएं, डॉक्टर यह कहे कि आप सुबह पांच बजे उठिए, मॉर्निंग वॉक करिए। योगासन कीजिए। डॉक्टर के कहने पर वो यह सब करेंगे। यह नहीं कहते कि इसमें मेरा धर्म आड़े आ रहा है, क्योंकि उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता है। उन्होंने कहा कि जो भ्रांतियां फैलाई जाती हैं, उस पर ध्यान देने की जरूरत है।
राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम में शनिवार को आरोग्य मंथन कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दो-ढाई साल में दुनिया अदृश्य महामारी के दौर से गुजरी। देश और दुनिया के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाकर मानव जीवन की रक्षा की। वैज्ञानिकों का अभिनंदन करता हूं। दुनिया में भारत जितना सस्ता इलाज और कहीं नहीं। यही वजह है कि दिल्ली के अस्पतालों में भी देखें तो आसपास के पड़ोसी देशों से मरीज इलाज के लिए आते हैं।