द ब्लाट न्यूज़ । 55 दिन के अस्थाई कार्यकाल के बाद शासन ने आखिरकार वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी मुनिराज जी को शुक्रवार को जिले का स्थाई कप्तान बना दिया। वह जिले के 41वें एसएसपी बने हैं। स्थाई तौर पर जिले की कमान संभालने के बाद मुनिराज जी के साथ एक खास बात भी जुड़ गई। वह जिले में बतौर एएसपी, एसपी सिटी और अब एसएसपी बनने वाले पहले आईपीएस अधिकारी हो गए हैं।
पुलिस कप्तान के स्थाई होने की पुलिस विभाग में चल रहीं चर्चाओं पर शुक्रवार तडक़े उसवक्त विराम लग गया जब शासन ने कार्यवाहक एसएसपी के रूप में काम कर रहे मुनिराज जी को ही जिले की स्थाई तौर पर कमान सौंप दी। बताया गया है कि तडक़े करीब ढाई बजे शासन स्तर से एक सूची जारी की गई। जिसमें मुनिराज जी को गाजियाबाद जिले का स्थाई कप्तान बना दिया गया। पूर्व एसएसपी पवन कुमार के निलंबन के बाद शासन ने मुनिराज को जिले की कानून व्यवस्था संभालने के लिए भेजा था। बीती 3 अप्रैल को मुनिराज जी ने जिले में कार्यवाहक कप्तान के रूप में चार्ज संभाला था। जिसके बाद से लगातार उनके स्थाई होने को लेकर पुलिस और जनता के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म था। जिस पर शुक्रवार को पूर्ण विराम लग गया।
सरकार ने दिया कड़ी मेहनत का ईनाम, सौंपी जिले की कमान
55 दिनों के अस्थाई कार्यकाल के दौरान मुनिराज जी ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। जिले में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने लिए उन्होंने सडक़ों पर पुलिस विजिबिलिटी पर जोर दिया और जनसुनवाई पर भी उनका विशेष जोर रहा। नंदग्राम थानाक्षेत्र में 2 अप्रैल को हुई बैंक लूट की घटना का सफल अनावरण कराया और पेट्रोल पंपकर्मियों से लूट करने वाले वांछित अपराधियों की मुठभेड़ में टांग छलनी की। मुठभेड़ों में कई ईनामियां पकड़े तो पुलिस ने अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ कर सौदागरों को जेल भेजा। यही वजह रही कि मुनिराज जी की कार्यशैली को देखते हुए शासन ने उनपर भरोसा जताते उन्हें ईनाम स्वरूप जिले की कमान सौंप दी।
अब सिफारिश नहीं, करेंगे सीधा एक्शन, विभाग में मची खलबली
अस्थाई तौर पर कप्तानी के दौरान मुनिराज जी के सामने कई दिक्कतें थीं। उन्हें लापरवाह पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए उच्चाधिकारियों को सिफारिश करनी पड़ रही थी। वह सीधे तौर पर कोई भी फैसला करने में असमर्थ हो रहे थे। वह चाहकर भी कुछ अहम फैसले नहीं कर पा रहे थे, लेकिन स्थाई कप्तान बनने के बाद अब ऐसा नहीं होगा। शासन से ऑर्डर जारी होने के बाद मुनिराज जी विश्वास से लबरेज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि अब सिफारिश नहीं लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ मौके पर ही एक्शन किया जाएगा। तेजतर्रार अधिकारी के स्थाई कप्तान बनने के बाद पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है। चौकी और थाना प्रभारियों को अपनी सीट खतरे में लगने लगी है तो कई सर्किल अफसरों को भी सीट बदलने का डर सताने लगा है। इस संबंध में एसएसपी का कहना है कि वह बीते 55 दिनों में पुलिसकर्मियों, थाना व चौकी प्रभारियों और अधिकारियों की वर्किंग को जांच चुके हैं। जरूरी होने पर कड़े फैसले लेंगे।
पुलिस ऑफिस के निरीक्षण से की नई शुरुआत
स्थाई कप्तान के तौर शुक्रवार को पुलिस ऑफिस पहुंचे मुनिराज जी ने नई पारी की शुरुआत अपने दफ्तर से ही की। उन्होंने पुलिस ऑफिस स्थित विभिन्न शाखाओं का औचक निरीक्षण कर सभी को चौंका दिया। कप्तान ने सभी शाखाओं के प्रधान लिपिक शाखा, वाचक कार्यालय, मॉनीटरिंग सेल, आंकिक शाखा, अपराध शाखा, शिकायत प्रकोष्ठ, डीसीआरबी, अभिलेखागार, कार्यालय पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और कार्यालय क्षेत्राधिकारी ऑफि स आदि का आकस्मिक निरीक्षण किया। साथ ही दफ्तरों में साफ.सफाई रखने और अभिलेखों के बेहतर रख.रखाव के निर्देश दिए।
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