ओम प्रकाश चौटाला की सजा का एलान कब तक…

द ब्लाट न्यूज़ । आय से अधिक संपत्ति के मामले में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को दोषी करार दिया जा चुका है और दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज इस मामले में सजा पर बहस हुई। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। एक ओर जहां चौटाला के वकील ने उनकी दिव्यांगता और बीमारियों का हवाला देते हुए नरमी बरतने का आग्रह किया, वहीं सीबीआई के वकील ने चौटाला को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही। अदालत ने दोनों पक्षों की बात सुनी और फैसले के लिए शुक्रवार दोपहर 2.00 बजे का समय निश्चित करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ओपी चौटाला के वकील ने उनकी तरफ से पक्ष रखते हुए कहा मैं जन्म से विकलांग हूं, मुझे जेल में अस्थमा हुआ है, मैं इस केस में कस्टडी में भी रह चुका हूं। मेरी दिव्यांगता बढ़ती जा रही है, 60 फीसदी से 90 फीसदी हो गई है। इस पर कोर्ट ने कहा, आपके पास 90 फीसदी दिव्यांगता का सर्टिफिकेट है? तब वकील बोले, नहीं 60 फीसदी का है, दिव्यांगता बढ़ रही है, अस्थमा है। मुझे स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हैं। मेरा इलाज गुड़गांव के मेदांता में भी इलाज चल रहा है। मुझे हार्ट की भी बीमारी है, साथ ही मुझे पेसमेकर भी लगा हुआ है। चौटाला के वकील कोर्ट में उनके मेडकिल हिस्ट्री की जानकारी दी। चौटाला के वकील ने कहा मेरे फफड़े में भी इंफेक्शन है, जिसका इलाज चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए चौटाला के वकील ने कहा कि अगर कोई आरोपी दिव्यांग है तो कोर्ट मानवता के आधार पर कम सजा देने पर विचार कर सकता है।

चौटाला के वकील ने आगे कहा, उनकी उम्र, सेहत और दिव्यांगता का ध्यान रखते हुए कम से कम सजा दी जाए। जेल में चौटाला के अच्छे व्यवहार को भी देखिए। इस केस में अदालत में भी उन्होंने कभी सुनवाई टालने के आग्रह नहीं किया। हमेशा अदालती प्रकिया में सहयोग दिया है। चौटाला पर 1993-2006 के दरमियान आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का आरोप है। ये वक़्त 20 साल से भी ज़्यादा का है। इस दरमियान उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग दिया है।

सीबीआई के वकील ने रखा पक्ष-
सीबीआई के वकील ने चौटाला की दलाली का विरोध किया,खराब स्वास्थ्य का इलाज कराया जाना चाहिए लेकिन अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा चौटाला जिस पद पर थे उसके बड़े मायने है, वह जनता द्वारा चुने गए नेता थे, एक चपरासी साइन करता है तो कुछ नहीं होता है लेकिन जब एक शासक साइन करता है तो बहुत कुछ बदल जाता है। आम लोगों में उचित संदेश देने के लिए अधिकतम सजा जरूरी है। सीबीआई के वकील ने कहा भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके।

कार्यकर्ता बोले- सजा के बाद भी नहीं जाना होगा जेल क्योंकि…
इनेलो सुप्रीमो और पार्टी कार्यकर्ता इस कदर आश्वस्त थे कि बुधवार को भी बैठकों का दौर लगातार जारी रहा और सुनवाई के बाद भी बैठकें निर्धारित कर रखी हैं। कार्यकर्ताओं का दावा है कि सजा मिलेगी तब भी उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि इनेलो सुप्रीमो पहले ही जमानत रद्द करवाकर समानांतर सजा काट चुके हैं।

कार्यकर्ताओं की ओर से तर्क दिया जा रहा कि जेबीटी भर्ती मामले में सजा काटने के दौरान आय से अधिक संपत्ति मामले की भी सुनवाई चल रही थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में ओपी चौटाला जमानत पर बाहर आ सकते थे, लेकिन जानबूझकर उन्होंने इसे छोड़ा और जेल काटी। अब यदि सजा होती भी है तो उस दौरान जेल में रहने की अवधि को इस मामले में समानांतर सजा मान लिया जाएगा। यानी सजा होने के बाद भी जेल जाने की आशंका कम है।

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