बलिया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। बसपा के आजमगढ़ मंडल के प्रभारी डॉक्टर मदन राम ने कहा कि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी में यदि थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो वह अपने पुत्र को जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दिलाकर दोबारा चुनाव लड़ाएं।
उल्लेखनीय है कि कभी समाजवादी पार्टी के सिर्फ नेतृत्व के करीबी रहे पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने 2017 में बसपा ज्वाइन किया था। हाल ही में संपन्न पंचायत चुनाव में अम्बिका चौधरी ने अपने बेटे आनंद चौधरी को बसपा के समर्थन से वार्ड नंबर 45 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था। जिसमें आनंद को जीत हासिल हुई थी। उनके बेटे आनंद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। साथ ही अम्बिका ने खुद भी बसपा छोड़ दी है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अंबिका चौधरी भी जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। अम्बिका चौधरी के बसपा छोड़ दिए जाने से बसपा ने इसे विश्वासघात बताया है।
मुख्य सेक्टर प्रभारी डॉक्टर मदन राम ने मंगलवार को ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से कहा कि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ धोखा किया है। पार्टी ने उन्हें काफी सम्मान दिया। उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया। पार्टी ने उनके बेटे को जिला पंचायत सदस्य बनाया। यदि उनमें इतना ही दम खम था तो निर्दल ही क्यों नहीं लड़ लिया?
कहा कि समाजवादी पार्टी की जमीन खिसक चुकी है। बलिया में ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के बेटे जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़े थे। जिनको बसपा उम्मीदवार से हार मिली। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के परिजन जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हारे हैं।
कहा कि बसपा के जनाधार पर जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीतने के बाद पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी का बेटे को जिला पंचायत का अध्यक्ष पद दिलाने के लिए बसपा छोड़ना यह साबित करता है वह अवसरवादी हैं। यदि उनमें अभी भी नैतिकता बची हो और समाजवादी पार्टी की लहर है तो बेटे को जिला पंचायत सदस्य पद से इस्तीफा दिलवाएं और चुनाव लड़ कर देख लें। मदन राम ने कहा कि बसपा में ऐसे अवसरवादियों की कोई जगह नहीं।