स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बातों का करें सम्मान : सी एम ओ

द ब्लाट न्यूज़ । आपको स्वस्थ और बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता आपके घर तक आते हैं। कई बार यह आपको चिकित्सीय सलाह देते हैं, तो कई बार यह आपको दवाएं खिलाते हैं। आवश्कता पड़ने पर इंजेक्शन लगाते हैं तो कई बार यह आपकी सेहत की जानकारी लेकर वापस चले जाते हैं। ऐसे में इन कार्यकर्ताओं का सहयोग करना हर किसी की जिम्मेदारी है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ इन्‍द्र विजय विश्‍वकर्मा का। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक आशा का आशय उम्मीद से है। आशा कार्यकर्ता मातृ शिशु स्वास्थ्य समेत सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों की सफलता का आधार हैं। करीब एक मिलियन आशा कार्यकर्ता देश में स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफल बना रही हैं।

सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए जिले में बीते 12 मई से अभियान चलाया जा रहा है, जो कि 27 मई तक चलेगा। इस दौरान आशा-आंगनबाड़ी की टीम घर-घर जाकर अपने सामने लोगों को फाइलेरिया की दवा खिला रही हैं। सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूरी तरह से प्रशिक्षित होने के बाद ही काम शुरू करते हैं। इनके पास उच्च गुणवत्ता वाली और पूरी तरह से सुरक्षित दवाएं रहती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं पर संदेह करना, वाद-विवाद करना या फिर दवाओं को लेकर किसी भी तरह का भ्रम पालना ठीक नहीं है।

सीएमओ ने स्पष्ट किया कि किसी भी अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के काम में खलल डालना यानि कानूनी दृष्टि से सरकारी कामकाज में बाधा डालना है। उन्होंने यह भी कहा कि कोराना काल जैसी विषम परिस्थितियों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य सहयोगियों का तो सम्मान किया जाना चाहिए। सीएमओ ने सभी जनपदवासियों से अपील की है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हर किसी को सहयोग करके एक अच्छे भारतीय का परिचय देना चाहिए।

जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह ने बताया कि यह दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित उच्च गुणवत्तापूर्ण और विश्वस्तरीय मापदंडों पर आधारित हैं। विश्व के सभी फाइलेरिया ग्रस्त देशों में इनका प्रयोग किया जा रहा है। इन दवाओं के कारण आज तक किसी भी व्यक्ति के मृत्यु का प्रमाण नहीं मिला है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि फाइलेरिया की दवा कुछ खा पीकर ही खाएं और स्वास्थ्यकार्यकर्ता के सामने ही खाएं। यह दवा गर्भवती, गंभीर रूप से बीमार लोगों और दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 51 लाख लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य है। जिसमें से अब तक 23 लाख लोगों को यह दवा खिलाई जा चुकी है। हर एक नागरिक के सहयोग से हम इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बना सकते हैं।

 

 

Check Also

सफल इलाज के बाद दोबारा हमला कर सकता है ब्रेस्ट कैंसर

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो स्तन कैंसर पूरी तरह से ठीक होने के बाद दोबारा …