किसान आन्दोलन के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष का हंगामा

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को भी विपक्ष ने हंगामा किया। किसानों के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग की। वहीं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना विपक्ष पर किसानों के बीच भ्रम पैदा का आरोप लगाया। विधानसभा में शुक्रवार को बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा। पहले तो कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित की गई। इसके बाद इसको आधा घंटा बढ़ाया गया। जब हंगामा बढ़ा तो कार्यवाही फिर स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने सदन में मांग की जो जिन किसानों की इस आन्दोलन में मौत हुई है, उन्हें सरकार शहीद का दर्जा दे। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान तीन महीने से केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहा है। उन्होंने विधानसभा अध्या से कहा कि इससे महत्वपूर्ण कोई मामला नहीं है। देश में अन्नदाता सबका पेट पालन करता है और उसका बेटा पुलिस में कानून व्यवस्था की रक्षा करता है, सीमा पर देश की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। ट्रैक्टर मालिकों को नोटिस दी जा रही है। उनको पीटा गया, उनके विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पूरा प्रदेश और देश किसानों के आन्दोलन के साथ है। पूरी दुनिया किसान आन्दोलन का साथ दे रही है। उन्होंने कहा कि किसान कोई जाति नहीं होती, किसान कोई पार्टी नहीं होती। हर पार्टी, हर धर्म, हर वर्ग का आदमी खेती-किसानी करता है। अन्न पैदा करता है और उसी से सबका पेट पलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अन्नदाता के खिलाफ इस तरह के कानून बनाना उचित नहीं है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से किसान आन्दोलन पर चर्चा कराने की अपील की। इस दौरान सत्तापक्ष की ओर से भी विपक्ष पर आरोप लगाया गया कि किसानों पर लाठियां चलाने वाले लोग किसानों के हमदर्द बन रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष पर किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महेन्द्र सिंह टिकैत को दो महीनों तक जेल में रखने वाले आज किसानों के हित की बात कर रहे हैं। इसी तरह विधान परिषद में भी आज प्रोटेम स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग को लेकर विपक्ष के नेता वेल में आ गए। यहां पर नियम 143 के तहत विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद विधान परिषद कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

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