द ब्लाट न्यूज़ । कोरोना महामारी के बाद दुनिया कई जानलेवा और खतरनाक वायरस का सामना कर रही है। भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चे टोमेटो फीवर से जूझ रहे हैं। अमेरिका, कनाडा, पुर्तगाल, स्पेन, ब्रिटेन जैसे कई देशों में मंकि पॉक्स नामक भयानक वायरस से हाहाकार मच गया है। वहीं अमेरिकी राज्य मैसाचुसेट्स में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है। मैसाचुसेट्स के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि एक शख्स में मंकी पॉक्स वायरस की पुष्टि की गई जिसने हाल ही में कनाडा की यात्रा की थी। दरअसल, मंकि पॉक्स वायरस की चपेट में आने वाले लोग खुली और शरीर में पड़ने वाले फफोलों से हलाकान हो जाता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बीमारी दुर्लभ जरूर है, लेकिन गंभीर भी साबित हो सकती है। फिलहाल मंकी पॉक्स ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के कुछ इलाकों में पाया जाता है। 6 मई को ब्रिटेन में मिला पहला मरीज नाइजीरिया से ही लौटा था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, कुत्ते और गिलहरी जैसे जानवरों या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है। मरीज 7 से 21 दिन तक मंकी पॉक्स से जूझ सकता है।
डब्ल्यूएचओ कर रहा जांच
स्पेन, पुर्तगाल में 40 तो ब्रिटेन में मंकी पॉक्स के 9 मामले मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम भी एक्शन में आ गई है। एजेंसी समलैंगिक मरीजों में इस वायरस के संक्रमण की भी जांच कर रही है। वहीं, सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) संभावित मरीजों की पहचान के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रही है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल मंकी पॉक्स के बड़े आउटब्रेक होने की आशंका नहीं है।
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