नरसंहार के वीडियो ने सीरियाई परिवारों के जख्मों को हरा किया

द ब्लाट न्यूज़ । वर्षों तक सियाम परिवार इस उम्मीद में जीता रहा कि एक दिन वह अपने बेटे वसीम से दोबारा मिल सकेगा। वसीम के बारे में परिवार का मानना था कि लगभग एक दशक पहले एक जांच चौकी से गायब होने के बाद वह सीरिया की सरकारी जेल में बंद है।

 

हालांकि, बेटे से दोबारा मिलने की उम्मीद उस समय धूमिल हो गई, जब परिवार ने वसीम को सोशल मीडिया पर प्रसारित एक नए वीडियो में देखा। दरअसल, इस वीडियो में वसीम उन दर्जनों लोगों में शामिल नजर आ रहा है, जिनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है और जिन्हें सीरियाई सुरक्षाकर्मी एक-एक कर गोली मारते हुए खाई में फेंक दे रहे हैं

 

2013 में रिकॉर्ड किए गए और पिछले महीने के अंत में सामने आए इस वीभत्स वीडियो के बारे में सिहम सियाम ने कहा, “इसने हमें अंदर तक झंकझोर दिया है।”

 

वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद से उन हजारों सीरियाई परिवारों में शोक और भय की लहर दौड़ गई है, जिनके सदस्य देश में लंबे समय से जारी गृहयुद्ध के दौरान गायब हो गए थे।

 

इस वीडियो को कथित तौर पर सरकार समर्थित एक सुरक्षाकर्मी द्वारा सीरिया से तस्करी कर बाहर ले जाया गया था और एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय के दो शोधकर्ताओं को सौंपा गया था। सुरक्षाकर्मी को उम्मीद थी कि इससे उसे सीरिया के बाहर शरण लेने में मदद मिलेगी।

 

शोधकर्ताओं ने वीडियो के तथ्य सत्यापित किए। अप्रैल के अंत में पहली बार ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने वीडियो से जुड़ी सामग्री प्रकाशित की। बाद में पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाने लगा।

 

 

 

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