द ब्लाट न्यूज़ । लेबनान में आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में एक नयी संसद के लिए रविवार को मतदान शुरू हुआ। 2019 के आंदोलन के पीछे रहे लोग देश के उस सत्ताधारी वर्ग को सत्ता से हटाने की उम्मीद में चुनाव मैदान में हैं, जिसे देश के पतन के लिए दोषी ठहराया जाता है। हालांकि, देश के सत्ताधारी वर्ग को चुनौती देने वाले बंटे हुए हैं और उनके पास धनराशि का अभाव भी है।
देशभर में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ और लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। रविवार का मतदान अक्टूबर 2019 में लेबनान में आर्थिक मंदी शुरू होने के बाद हो रहा है। आर्थिक मंदी के कारण सरकार विरोधी व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
यह बेरूत के बंदरगाह पर अगस्त 2020 में बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के बाद पहला चुनाव भी है। विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे, हजारों अन्य घायल हुए थे और लेबनान की राजधानी के कुछ हिस्स नष्ट हो गए थे। बंदरगाह के गोदाम में रखे सैकड़ों टन अमोनियम नाइट्रेट में आग लगने के बाद विस्फोट हुआ था।
बेरूत में मतदान करने के बाद 74 वर्षीय राबा अब्बास ने कहा, ‘‘मैंने वह किया जो मैं कर सकता था और मुझे पता है कि स्थिति नहीं बदलेगी।’’ उन्हें भय है कि रविवार का चुनाव केवल प्रतीकात्मक है और लेबनान चुनाव के बाद एक नयी सरकार के गठन और अक्टूबर में नये राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर एक बार फिर राजनीतिक कलह में फंस जाएगा।
मुख्यधारा के राजनीतिक दल और नेता चुनाव को लेकर आत्मविश्वास से लबरेज हैं जबकि विपक्षी नेता और नागरिक समाज के कार्यकर्ता उन्हें सत्ता से हटाने की उम्मीद कर रहे हैं।
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