द ब्लाट न्यूज़ । केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि गरीब लोगों का सतत शीतलन पर समान अधिकार है और कमजोर आबादी के लिए शीतलन तक पहुंच के अंतर को पाटना आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है।
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) द्वारा यहां आयोजित सतत शीतलन पर राष्ट्रीय वार्ता को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि शीतलन सतत विकास लक्ष्य से जुड़ी एक विकासपरक जरूरत है और मोदी सरकार गरीबों को वहनीय शीतलन प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “अगर हम उन श्रमिकों की रक्षा नहीं कर सकते जो हमारे लिए सड़कें, राजमार्ग, मेट्रो नेटवर्क और मॉल बना रहे हैं, तो हम कैसे विकास प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं? गरीब लोगों का भी सतत शीतलन पर उतना ही हक है जितना कि हम में से किसी का…। कमजोर आबादी के लिये शीतलन तक पहुंच के अंतर को पाटना आर्थिक वृद्धि व विकास के लिये जरूरी है।”
भारत दुनिया के उन शुरुआती देशों में है जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मार्च 2019 में एक राष्ट्रीय शीतलन कार्य योजना (इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान) शुरू की थी। मंत्री ने कहा कि यह योजना आवासीय और वाणिज्यिक भवन, परिवहन, शीत श्रृंखला और उद्योगों जैसे क्षेत्रों में शीतलन आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टि प्रदान करती है।